राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की दिशा में सरकार ने बढ़ाए कदम

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्रालय ने राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार को 3 महीने के भीतर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाना होगा। कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के लिए नौकरशाहों की एक टीम गठित की गई है। वहीं, अटॉर्नी जनरल और कानून मंत्रालय से भी कानूनी राय ली जा रही है। बता दें कि अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला आया। फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी। अदालत ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी। संभव है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर ही अयोध्या का राम मंदिर ट्रस्ट बनाया जाए। सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में केवल 6 सदस्य हैं मगर सरकार अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या और ज्यादा कर सकती है।

ये हो सकते है ट्रस्ट में शामिल

खबर है कि ट्रस्ट के सदस्य के चयन और मंजूरी में प्रधानमंत्री मोदी की अहम भूमिका हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी खुद राम मंदिर से जुड़ी प्रगति पर नजर रख पाएं, इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से भी किसी को सदस्य बनाया जा सकता है। ट्रस्ट में जहां राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा कुछ बड़े धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज के कुछ वरिष्ठ नागरिक, राम मंदिर से जुड़े संगठनों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है। इतना ही नहीं ट्रस्ट का काम तेज गति से हो और कार्यशैली कुशल रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे भी इसमें शामिल हो सकते हैं। यही नहीं ट्रस्ट का काम तेज गति से हो और कार्यशैली कुशल रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे भी इसमें शामिल हो सकते हैं।