राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर मोदी कैबिनेट की मंजूरी के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक के दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने को भी मंजूरी दी गई है। अप्रैल से दिसंबर तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की प्रक्रिया चलेगी। इसमें नागरिकों का एक रजिस्टर बनाया जाएगा।
किसी भी कागज या सबूत दिखने की जरूरत नहीं
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने यह भी बताया कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एनपीआर पहली बार 2010 में यूपीए की सरकार में शुरू हुआ था। सारे लोगों का एक कार्ड मनमोहन जी ने वितरित किया था। 2015 में इसका अपडेशन हुआ था। इसमें कोई भी प्रूफ देने की जरूरत नहीं है। न कागज देना है न बॉयोमेट्रिक है। आप जो कहोगे वही सही है, क्योंकि हमें जनता पर भरोसा है। इसे सभी राज्यों ने स्वीकार किया है। सभी राज्यों ने इसके नोटिफिकेशन निकाले हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं है। जो भी भारत में रहता है उसकी गणना इसमें होगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2021 में जनगणना की प्रक्रिया के लिए कैबिनेट ने 8,754.23 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है। और 3,941.35 करोड़ रुपये राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए जारी किए गए हैं। उन्होंने इस योजना की जरूरत के बारे में बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ सभी और सही लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि इसमें किसी तरह की बायोमीट्रिक (Biometric) जानकारी भी नहीं मांगी जाएगी।