नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने के बाद ब्रिक्स देशों (जिसमें भारत भी शामिल है) को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी। ट्रंप ने अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा कि यदि सदस्य देश अपने डी-डॉलराइजेशन प्रयासों को जारी रखेंगे तो उन्हें 100 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
एएनआई ने ट्रंप के हवाले से कहा कि ब्रिक्स राष्ट्र के रूप में. . . . . यदि वे अपने विचार के अनुसार कार्य करने के बारे में सोचते भी हैं, तो उन्हें 100 फीसदी टैरिफ देना होगा, और इसलिए वे इसे तुरंत छोड़ देंगे। उन्होंने वैश्विक व्यापार में डॉलर के उपयोग को कम करने के प्रयास का उल्लेख किया।
ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद ओवल ऑफिस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये टिप्पणियां की गईं।
2009 में बनी ब्रिक्स एकमात्र ऐसा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूह है जिसका अमेरिका हिस्सा नहीं है। इसके सदस्यों में भारत, रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
पिछले कुछ वर्षों में कुछ सदस्य देश खास तौर पर रूस और चीन, डॉलर का विकल्प तलाश रहे हैं या अपनी खुद की ब्रिक्स मुद्रा बनाना चाहते हैं। भारत अभी तक इस कदम का हिस्सा नहीं रहा है।
2023 में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डी-डॉलराइजेशन का आह्वान करते हुए कहा कि सदस्य देशों को राष्ट्रीय मुद्राओं में निपटान का विस्तार करना चाहिए और बैंकों के बीच सहयोग बढ़ाना चाहिए।