त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में एेतिहासिक प्रदर्शन कर बीजेपी राज्य में सरकार बनाती हुई नजर आ रही है। लेफ्ट के आखिरी गढ़ त्रिपुरा पर भी बीजेपी का कब्जा हो चुका है। राज्य की 60 में से 59 सीटों पर हुए चुनाव के अब तक के रुझानों में भाजपा बड़ी बढ़त बनाए हुए है। त्रिपुरा में भाजपा की जीत के साथ ही नया प्रश्न यह खड़ा हो गया है कि वहां भाजपा किसे नेतृत्व सौंपेगी। त्रिपुरा में बीजेपी के संभावित सीएम कौन होंगे, इस पर तस्वीर कुछ-कुछ साफ होती नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक बिप्लव कुमार देब त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में बिप्लव इसलिए भी सबसे आगे हैं, क्योंकि वे लो-प्रोफाइल रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निभाना जानते हैं। रुझान के दौरान भाजपा महासचिव राम माधव के साथ वह मंच भी साझा करते दिखे हैं। चुनाव नतीजों से पहले भी ऐसे संकेत मिलते रहे हैं कि त्रिपुर में बिप्लव को भाजपा की कमान दी जा सकती है। बिप्लब देव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व स्वयंसेवक रह चुके हैं। वह त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले सुधींद्र दासगुप्ता की जगह लाया गया था। सौम्य स्वभाव और साफ-सुथरी छवि
बिप्लब देव का जन्म दक्षिणी त्रिपुरा के उदरपुर सबडिविजन में हुआ था। देब की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है और उनका ज्यादातर वक्त नागपुर के आरएसएस हेडक्वॉटर्स में बीता है। बिप्लब देव ने त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है। उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। बनमालीपुर (पश्चिमी त्रिपुरा) में विप्लव का मुकाबला ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के कुहेली दास से है। विप्लव ने नामांकन पत्र के साथ दिए ऐफिडेविट में अपनी आय मात्र 2,99,290 रुपये बताई है।
18 फरवरी को 59 विधानसभा सीटों पर हुए चुनावों में बीजेपी और उसकी सहयोगी IPFT 40 सीटों पर आगे चल रहे हैं। देब और पार्टी एमएलए सुदीप रॉय बरमन बनमलीपुर और अगरतला सीटों पर आगे चल रहे हैं। मीडिया से बातचीत में बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि त्रिपुरा में बीजेपी सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी उन सीटों पर भी बढ़त बनाए हुए है, जिस पर उसे उम्मीद भी नहीं थी।