त्रिपुरा में मचा हड़कंप, 151 में से 90 से ज्यादा सैंपल्स में मिला डेल्टा प्लस वैरिएंट

त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) मिलने से हड़कंप मच गया है। त्रिपुरा में कोविड -19 के एक नोडल अधिकारी डॉ दीप देव वर्मा ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 151 सैंपल्स में से 90 से ज्यादा सैंपल्स में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है। जिससे कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है।

डॉ दीप देव वर्मा ने कहा कि यह चिंता का विषय है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 174 जिलों में SARS-CoV-2 कोरोना वायरस के 'चिंता के प्रकार' पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात से हैं।

उत्तर प्रदेश के दो जिलों में पाए गए मामले

यूपी के गोरखपुर और देवरिया में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 2 मरीजों की पुष्टि हुई थी। इनमे से एक मरीज की मौत हो चुकी है वहीं, दूसरे मरीज की हालत पहले से बेहतर है। गोरखपुर की रहने वाली 23 साल की MBBS स्टूडेंट के शरीर में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला था। लड़की मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली है लेकिन वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। 26 मई को वह पॉजिटिव पाई गई थी। उसके बाद उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंलिंग के लिए भेजा गया था।अब उसकी हालत में सुधार है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट से जिस एक मरीज की मौत हुई है उसकी उम्र 66 साल थी और वह देवरिया का रहने वाला था। बुजुर्ग 17 मई को पॉजिटिव हुआ था। जिसके बाद उसे गंभीर हालत में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जून में ही उसकी मौत हो गई थी। मरीज की मौत से पहले ही उसके सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया था।

बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर कुछ विशेषज्ञों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और बताया है कि ये वेरिएंट पहले से ज्यादा शक्तिशाली है, जिसपर वैक्सीन का भी असर ना के बराबर होगा। डेल्टा ने भारत में दस्तक देते ही अपना विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है।

UP में मिला डेल्टा से भी घातक कप्पा वैरिएंट

उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा वैरिएंट (Kappa Variant) के दो मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई हाईलेवल मीटिंग में अधिकारियों ने बताया कि 109 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। इसमें इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हालांकि, इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। जिन लोगों में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री तलाशी जा रही है। इस वैरिएंट को भले डेल्टा से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा हो, लेकिन इसके बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कप्पा स्वरूप कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इससे रिकवर हो सकते हैं। KGMU के PRO डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कप्पा वैरिएंट नया नहीं है। यह पहले से है। इसके लिए किसी खास रणनीति की जरूरत नहीं है। इसके इलाज और बचाव के उपाय भी अलग नहीं हैं।