त्रिपुरा में बिप्लब कुमार देब ने मुख्यमंत्री और जिष्णु देव वर्मा ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिरकत की। निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक सरकार को भी आमंत्रित किया गया। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी काे बहुमत मिला और उसने 25 साल पुरानी लेफ्ट सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। बीजेपी को 35 और उसकी सहयोगी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को 8 सीटें मिली थीं।
गुरुवार को बिप्लब देब पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार को भी समारोह में शामिल होने का न्योता देने गए थे। उनके साथ बीजेपी के महासचिव राम माधव भी थे। दोनों ने माणिक सरकार से मुलाकात की और पूर्व सीएम ने सहर्ष भाव से बिप्लब देब का न्योता स्वीकार किया। बताया जा रहा है कि सुदियो रॉय बर्मन (अगरतला), प्रणब देब (उदयपुर), मनोज देब (अमरपुर), रतनलाल नाथ (मोहनपुर) और संतना चकमा बिप्लब देब के कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। गुरुवार को अमित शाह नगालैंड के नए सीएम नेफ्यू रियो के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे। कौन हैं बिप्लब देब?
48 साल के बिप्लब कुमार देब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका जन्म उदयपुर में हुआ। वे पश्चिम त्रिपुरा की बनमालीपुर सीट विधायक चुने गए। त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से 1999 में ग्रेजुएट किया। समाजसेवा के काम करते रहे हैं। साफ-सुथरी छवि। कोई भी क्रिमिनल केस दर्ज नहीं है। हलफनामे में अपनी कुल प्रॉपर्टी 5.85 करोड़ बताई। संघ से जुड़े रहे हैं। संगठन में रहकर काम किया है। बीजेपी के थिंक टैंक रहे केएन गोविंदाचार्य के साथ काम कर चुके हैं। अपनी बात जनता तक पहुंचाने में कामयाब रहे
बिप्लब ने त्रिपुरा में जमीनी स्तर पर काम किया। चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि राज्य में लेफ्ट की सरकार 25 सालों से जनता का बेवकूफ बना रही है। यहां भरपूर नेचुरल रिसोर्स होने के बावजूद यह देश का सबसे गरीब राज्य है। उन्होंने वादा किया था कि बीजेपी अगर सत्ता में आई तो इसे मॉडल स्टेट बनाया जाएगा। बिप्लब अपनी यह बात जनता तक पहुंचाने में कामयाब रहे। उनकी अगुआई में कई लेफ्ट समर्थक बीजेपी में आए। फरवरी के पहले हफ्ते में उन्होंने 1600 से ज्यादा लेफ्ट सपोर्टर्स के बीजेपी में आने का दावा किया था।