अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले त्रिपुरा Tripura के मुख्यमंत्री बिपल्ब देब Biplab Deb एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार त्रिपुरा सरकार की ओर से सरकारी अधिकारियों और बाबुओं के ड्रेस कोड पर जारी एक अधिसूचना से सियासत गर्म हो गई है। विपक्ष ने इसे सामंती मानसिकता का परिचायक करार दिया है। मुख्यमंत्री ने ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों के जींस और काला चश्मा पहनने पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फरमान की विपक्षी दलों ने आलोचना की है।
राजस्व, शिक्षा एवं सूचना व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव सुशील कुमार की ओर से जारी दिशानिर्देश में अधिकारियों से राज्यस्तरीय बैठकों के दौरान ड्रेस कोड का पालन करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठकों या दूसरी उच्चस्तरीय बैठकों में ड्रेस कोड का सम्मान किया जाना चाहिए है। जींस और ऐसी ही दूसरी पोशाक पहनने से बचना चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया है कि कुछ अधिकारी बैठक के दौरान अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं, यह अनादर का प्रतीक है। हालांकि यह फरमान 20 अगस्त को जारी किया गया था। इससे पहले पहले मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने भी अधिकारियों को जेबों से हाथ बाहर रखने के लिए कहा था।
मुख्य सचिव के इस आदेश में कहा कि उन्होंने अपने अंतिम कार्यकाल के दौरान कुछ व्यक्तियों को राज्य स्तरीय आधिकारिक बैठक में ड्रेस कोड के लिए मुख्य सचिव के रूप में सलाह दी थी। सुशील कुमार राजस्व शिक्षा और सूचना और सांस्कृतिक मामलों के प्रधान सचिव हैं। यह फरमान राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि सत्ताधारी दल विकास के कामों पर ध्यान नहीं देकर उल्टे-सीधे फैसले ले रहा है। इससे साफ पता चलता है कि सरकार का काम की तरफ कोई ध्यान नहीं है।