त्रिपुरा ( Tripura ) राजपत्रित अधिकारी संघ द्वारा रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ( Viplab Deb ) ने सरकारी कर्मचारियों की अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस की छुट्टी खत्म करते हुए कहा, 'क्या मेरे लोग मजदूर हैं, नहीं। क्या मैं मजदूर हूं, नहीं। मैं एक मुख्यमंत्री हूं। आप औद्योगिक क्षेत्र में काम नहीं करते हैं, आप सचिवालय में फाइलें देखते हैं। तो ऐसे में आपको छुट्टी की जरूरत क्यों है? क्या मातम मनाएंगे आप?'
उन्होंने कहा कि देश के कुछ ही ऐसे राज्य हैं जहां मई दिवस की छुट्टी होती है। सरकारी कर्मचारियों को इस दिन छुट्टी की जरूरत क्यों पड़ती है? मई दिवस मजदूरों के लिए होता है। सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए नहीं। भाजपा नीत त्रिपुरा सरकार ने मई दिवस या अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस को राज्य की ‘नियमित छुट्टियों’ की सूची से बाहर कर दिया है। इसे ‘ऐच्छिक अवकाश’ में डाल दिया है। सरकार के इस कदम की विपक्षी माकपा ने आलोचना की है। अवर सचिव एस के देववर्मा द्वारा शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को मई दिवस समेत 12 ‘ऐच्छिक अवकाशों’ की सूची से चार छुट्टियां लेने की अनुमति होगी। इस कदम का विरोध करते हुए माकपा ने मई दिवस को ‘नियमित अवकाश’ की सूची में शामिल करने की मांग की है। पार्टी ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि यह कदम ‘‘कामकाजी लोगों के हितों को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित करेगा क्योंकि मई दिवस श्रमिक अधिकारों का प्रतीक है, जिसे संघर्ष के जरिये हासिल किया गया है।’
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही कुपोषण से लड़ने और रोजगार पैदा करने के लिए बिप्लब कुमार देब ने पांच हजार परिवारों को 10,000 गायें बांटने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, 'हम 5000 परिवारों के रोजगार के लिए यह योजना शुरू करने जा रहे हैं। जिसके बाद छह महीने में उनकी कमाई शुरू हो जाएगी।' उन्होंने कहा था कि इससे गरीबी और कुपोषण से भी लड़ने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था, 'मैं बड़े उद्योग स्थापित करने के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन 2000 लोगों को रोजगार देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये निवेश करना ही पड़ेगा। लेकिन अगर मैं 5000 परिवारों को 10,000 गायें दूंगा तो वे छह महीने में कमाई शुरू कर देंगे।' ऐसा पहली बार है जब लोगों को रोजगार देने के लिए ऐसी योजना चलाई जा रही है।