त्रिपुरा में जीत के 48 घंटे के भीतर और सरकार बनने के पहले ही बीजेपी समर्थकों पर कम्युनिस्टों के आदर्श ब्लादिमीर लेनिन की मूर्ति ढहाने का आरोप लगा है। इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगाए गए। पुलिस ने जेसीबी चालक चालक आशीष पाल को गिरफ्तार कर लिया है। त्रिपुरा के एसपी कमल चक्रवर्ती के मुताबिक सोमवार को दोपहर 3:30 बजे के करीब बीजेपी समर्थकों ने इसे अंजाम दिया। चक्रवर्ती के मुताबिक बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शराब पिलाकर चालक से मूर्ति पर जेसीबी चलवाई। वहीं त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद से राज्य के कई इलाकों से तोड़फोड़ और हिंसा की खबरें भी आ रही हैं।
सीपीएम ने इसे जहां डर पैदा करने की राजनीति करार दिया है, वहीं बीजेपी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि वामपंथी शासन में दमन के शिकार लोगों ने मूर्ति को ढहाया। त्रिपुरा में भले ही बीजेपी ने सत्ता में आते ही मूर्ति ढहा दी हो, मगर कोलकाता में आज भी लेनिन की मूर्ति खड़ी है। जबकि 34 वर्षों वामपंथी सरकार को हराकर 2011 में ममता बनर्जी की सरकार बनी। ऐसे में त्रिपुरा में मूर्ति ढहाने को लेकर एक धड़ा आलोचना कर रहा है।
सीपीएम का आरोप है कि बीजेपी और IPFT के कार्यकर्ता हिंसा कर रहे हैं। सीपीएम का कहना है कि बीजेपी और IPFT कार्यकर्ता न सिर्फ वामपंथी पार्टी के दफ़्तरों को निशाना बना रहे हैं बल्कि उनके कार्यकर्ताओं पर भी हमले किए जा रहे हैं। लेनिन की मूर्ति तोड़ने की घटना पर सीपीएम ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। कहा कि-, ”त्रिपुरा में चुनाव जीतने के बाद हुई हिंसा प्रधानमंत्री के लोकतंत्र पर भरोसे के दावों का मजाक है।”
इधर ख़बर ये भी है कि लेफ़्ट पार्टी के कार्यकर्ता भी हमलों में शामिल हैं। सोमवार को भी दो जगहों से हिंसा की ख़बर है जिसमें 3 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। कई थाना क्षेत्रों में धारा 144 भी लगाई गई है।