विपक्ष के हंगामे के चलते मुस्लिमों के एक वर्ग में प्रचलित तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला 'तीन तलाक विधेयक' सोमवार को भी राज्यसभा में पेश नहीं हो सका। राज्यसभा को 2 जनवरी तक स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस Congress) सहित कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास होगा कि नहीं इसके लिए सबकी नज़र अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल और तेलंगाना राष्ट्र समिति पर टिकी है।
दरअसल राज्यसभा के मौजूदा 244 सांसदों में बीजेपी के पास 73 सांसद हैं और ट्रिपल तलाक बिल पास कराने के लिए कम के कम 123 सांसदों की जरूरत होगी यानि 50 सांसद कम। सूत्रों की माने तो राज्यसभा में संख्याबल विपक्ष के समर्थन में है, जहां यूपीए के पास 112 जबकि एनडीए के पास 93 सदस्य हैं। एक सीट खाली है जबकि बाकी के अन्य दलों के 39 सदस्य न तो एनडीए और ना ही यूपीए से जुड़े हैं और वे विधेयक के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये 39 सांसद ही तय करेंगे कि गेंद यूपीए के पाले में जाएगा या फिर एनडीए के पाले में।
तीन तलाक विधेयक पास कराने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है ताकि वे इस दौरान सदन में मौजूद रहें।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठकवहीं तीन तलाक विधेयक पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठक चल रही है। इसमें बीजेपी अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं। इसके साथ ही विपक्षी दलों की भी संसद भवन में भी बैठक चल रही है। सरकार की ओर से यह विधेयक लोकसभा में पेश किया जा चुका है, जहां इसे भारी हंगामे के बाद पास कर दिया गया था।
बीजेपी और कांग्रेस का व्हिप जारीसत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने व्हिप जारी करके अपने-अपने सदस्यों से सोमवार को ऊपरी सदन में उपस्थित रहने को कहा है। अन्य दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को कहा है। कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई है। कई विपक्षी दल भी सोमवार की सुबह विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में मुलाकात करके इस मुद्दे पर सदन की अपनी रणनीति बनाएंगे। तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है। विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है। सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की संभावना नहीं है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं।
प्रवर समिति को भेजने की मांगविवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है। विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है। विपक्ष ने तीन तलाक विधेयक के मजबूत प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं। सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की संभावना नहीं है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं।
रविशंकर पेश करेंगे बिलकानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे। विधेयक को गुरुवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे। रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को दावा किया था कि भले ही राज्यसभा में भाजपा नीत राजग के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं हो लेकिन सदन में इस विधेयक को समर्थन मिलेगा। विधेयक को सोमवार को राज्यसभा के विधायी एजेंडे में शामिल किया गया है।