चित्तौड़गढ़ : बहन की डिलीवरी का बहाना पड़ा महंगा, पुलिस को पता चली सच्चाई, लगवाई उठक-बैठक

कोरोना को लेकर प्रदेश में सख्ती बरती जा रही हैं और जिले और राज्य की बॉर्डर पर आने-जाने वालों से पूछताछ की जा रही हैं। लेकिन इस बढ़ते कोरोना कहर के बीच भी लोग बहाने बनाते हुए नजर आ रहे हैं और बिना किसी काम के घूमने के लिए निकल रहे हैं। ऐसे लोगों के साथ पुलिस आमतौर पर समझाइश करती है। लेकिन अब मामला सख्ती बरतने की स्थिति तक पहुंच गया है। इससे जुड़ा एक मामला गुरुवार को चित्तौड़गढ़ जिले की जलिया चेक पोस्ट पर देखने को मिला जहां दो युवकों को ने बहन की डिलीवरी का बहाना बनाया जो कि उन्हें महंगा पड़ गया। चेक पोस्ट पर तैनात कांस्टेबल ने जब पूछताछ की तो पाया कि दोनों युवक झूठ बोल रहे हैं। इस पर उन्हें बाइक से उतरकर उठक-बैठक लगाने के लिए कहा। यह नजारा देखकर कई लोग मौके से लौट गए। उन्होंने पुलिस वाले को बॉर्डर क्रॉस करने को भी नहीं कहा।

दो युवक बाइक पर सवार होकर जलिया चेक पोस्ट पर पहुंचे। उन्हें कांस्टेबल भागचंद वैष्णव ने रोककर पूछताछ की तो पता चला कि दोनों मध्यप्रदेश के नीमच से आए थे। पूछताछ पर उन्होंने बताया कि वे दोनों निंबाहेड़ा सरकारी अस्पताल जा रहे हैं, जहां उनकी बहन की डिलीवरी हुई है। युवकों ने जब बहन की डिलीवरी की बात कही तो कांस्टेबल को थोड़ा संदेह हुआ। कांस्टेबल ने तुरंत निंबाहेड़ा में मौजूद रिश्तेदारों से बात करवाने की बात कही। युवक ने जब फोन लगाया तो रिश्तेदार ने कहा, मुझे कुछ काम है। इसलिए बुलाया है। काम होते ही वापस भेज दूंगा। लेकिन कोई हॉस्पिटल नहीं जाना है। इस पर कांस्टेबल ने दोनों युवकों को बाइक से उतरने के लिए कहा और सड़क किनारे ले जाकर उठक-बैठक लगवाई। उठक-बैठक के दौरान दोनों युवक लगातार कांस्टेबल से माफी मांग रहे थे।

दरअसल, राज्य सरकार ने सभी बॉर्डर सील किए हुए हैं। इसमें निजी गाड़ियों से आने वाले लोगों को बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है। जिनके पास मेडिकल इमरजेंसी प्रूफ या जरूरी काम की परमिशन होती है, उन्हें बॉर्डर क्रॉस करने दिया जा रहा है। ऐसे में चेक पोस्ट पर अन्य कई लोग ऐसे भी पहुंचे थे, जिन्हें बेवजह बॉर्डर क्रॉस करना था। लेकिन उठक-बैठक लगाते युवकों को देखकर वे वापस लौट गए।