कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच 12 अगस्त तक रेलवे टिकट बुकिंग पर लगी रोक

देश में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस की वजह से 12 अगस्त तक सभी सामान्य रेल सेवाओं को बंद कर दिया गया है। भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ओर से गुरुवार को एक आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी गई। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड ने यह भी तय किया है कि एक जुलाई से 12 अगस्त के बीच इन गाड़ियों में यात्रा के लिए बुक किए सभी टिकट भी रद्द रहेंगे। साथ ही इन टिकटों का पूरा रिफंड देने की बात कही है। रेलवे बोर्ड ने कहा, 'रेल मंत्रालय ने यह तय किया है कि नियमित ट्रेनों के लिए 14 अप्रैल 2020 तक या उससे पहले बुक किए गए सभी ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया जाए। साथ ही इन टिकटों का पूरा रिफंड किया जाए।' रेलवे की ओर से बताया गया है कि स्पेशल राजधानी/मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें जो कि 12 मई से 1 जून के बीच चल रही थीं वह चलती रहेंगी।

बता दें कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए रेलवे ने पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सर्विस को पूरी तरह सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद 14 मई को रेलवे ने सभी पुराने रिजर्वेशन को रद्द कर दिया था। हालांकि, परिस्थितियों को देखते हुए रेलवे ने हजारों की संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेन भी चलाया और लाखों प्रवासी मजदूरों व कामगारों को उनके घर तक पहुंचाया। आखिरी अपडेट तक रेलवे एक मई से लेकर अब तक 4,436 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला चुका है और 62 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुका है। रेलवे ने इसे लेकर जानकारी दी थी कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों का औसतन प्रति व्यक्ति 600 रुपये किराया है और संकेत दिया था कि एक मई से 60 लाख प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाकर रेलवे ने लगभग 360 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। इसने यह भी कहा था कि रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रति यात्री 3,400 रुपये खर्च किए और इन ट्रेनों को चलाने में लगभग 2,040 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इन ट्रेनों को चलाने का खर्च केंद्र और राज्यों द्वारा क्रमश: 85-15 प्रतिशत फॉर्मूले के आधार पर वहन किया जा रहा है। फिलहाल रेलवे सिर्फ 230 स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रही है। इन ट्रेनों के लिए यात्री 120 दिन पहले टिकट बुक करवा सकते हैं। रेलवे द्वारा इन ट्रेनों में यात्रा के लिए के लिए कई प्रकार की गाइडलाइन भी जारी की गई है।