ISRO आज लॉन्च करेगा देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S, स्पेस सेक्टर में होगी नए युग की शुरुआत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) आज शुक्रवार को देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस (Vikram-S) की लॉन्चिंग आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से करेगा। इसरो आज सुबह 11:30 बजे अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) की ओर से तैयार रॉकेट को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है।इस रॉकेट का वजन करीब 545 किग्रा है, जो समंदर में गिरने से पहले धरती की सतह से 101 किमी की ऊंचाई को हासिल करेगा। इसमें कुल 300 सेकेंड का समय लगेगा। इस मिशन को स्काईरूट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है, क्योंकि यह उन 80 प्रतिशत तकनीकों को मान्यता दिलाने में मदद करेगा, जिनका उपयोग विक्रम-1 कक्षीय वाहन में किया जाएगा, जिसे अगले साल प्रक्षेपित करने की योजना है।

रॉकेट का नाम 'विक्रम-एस' भारत के महान वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि यह भारत में निजी क्षेत्र के लिए बड़ी छलांग है। उन्होंने स्काईरूट को रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए अधिकृत की जाने वाली पहली भारतीय कंपनी बनने पर बधाई दी है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत इसरो के दिशानिर्देशों के तहत श्रीहरिकोटा से ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ के विकसित पहले निजी रॉकेट का प्रक्षेपण करके इतिहास रचने जा रहा है।

स्काईरूट कंपनी और इसरो के बीच रॉकेट लांचिंग को लेकर एमओयू साइन हुआ है। विक्रम एस रॉकेट अपने साथ तीन पेलोड्स भी ले जाएगा जिसमें एक विदेशी ग्राहक का है। कंपनी का कहना है कि विक्रम एस के टेस्ट इस सीरीज में बनने वाले दूसरे रॉकेट को एक प्रामाणिकता मिलेगी।

कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक, 'खराब मौसम के पूर्वानुमान के कारण हमें श्रीहरिकोटा से हमारे विक्रम-एस रॉकेट लॉन्च के लिए 15-19 नवंबर तक एक नई लॉन्च विंडो दी गई है, जिसकी सबसे संभावित तारीख 18 नवंबर सुबह 11:30 बजे है। स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है, जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड होंगे। इसे श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा।'

लॉन्चिंग के दौरान प्री लिट ऑफ, पोस्ट ऑफ समेत अलग-अलग चरणों में आने वाली परेशानियों और उसे दूर करने में मदद भी मिलेगी। विक्रम-एस (Vikram-S) के लॉन्चिंग में इग्नीशन, लांचिंग पैड से रॉकेट का ऊपर उठना, स्पिन मोटर इग्नीशन, अधिकतम टॉर्क, अधिकतम ऊंचाई और फिर नीचे आने का क्रम होगा।

इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष तकनीक और नवोन्मेष के क्षेत्र में हमारे साथ काम करने के लिए 100 स्टार्ट-अप्स समझौता कर चुके हैं। सोमनाथ गुरुवार को बंगलुरू टेक समिट-2022 में ‘आर एंड डी- इनोवेशन फॉर ग्लोबल इंपैक्ट’ विषय पर बोल रहे थे।

इस दौरान उन्होंने बताया कि 100 में से करीब 10 ऐसी कंपनियां हैं, जो सैटेलाइट और रॉकेट विकसित करने में जुटी हैं। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान तृतीय की जानकारी देते हुए बताया कि यह भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया, 'कई अभियान ऐसे हैं, जिनपर इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष अभियानों के लिए जो तकनीक और नवोन्मेष किए जाते हैं, उनका रोजमर्रा की जिंदगी में भी कई तरह से इस्तेमाल होता है। बहुत से स्टार्ट-अप्स खासतौर पर इसी पहलु पर काम कर रहे हैं। इसरो भारत सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और स्मार्ट विनिर्माण प्रक्रियाओं का अहम भागीदार है।'