राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकला हुआ एक विशालकाय टाइगर, जो तीन दिन के भीतर पांच लोगों पर हमला कर चुका था, आखिरकार ट्रैंकुलाइज कर लिया गया। यह टाइगर एसटी-2402 नाम से पहचाना जाता है और अलवर जिले के रैणी क्षेत्र में स्थित चिल्काबास रोड पर बने एक फॉर्म हाउस के किचन में पाया गया था। वनकर्मियों को रात में सूचना मिली कि यह टाइगर फॉर्म हाउस के किचन में मौजूद था। सुबह 6 बजे वनकर्मियों की एक टीम मौके पर पहुंची और लगभग तीन घंटे की मेहनत के बाद टाइगर को ट्रैंकुलाइज कर लिया गया।
टाइगर 1 जनवरी को सरिस्का से दौसा जिले के महुखुर्द गांव में घुस आया था और यहां तीन लोगों पर हमला कर दिया था। इसके बाद टाइगर ने ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश में लगे दो वनकर्मियों की गाड़ी पर भी हमला किया था, लेकिन वनकर्मी बाल-बाल बच गए थे। गुरुवार को भी वनकर्मी उसे ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश करते रहे, लेकिन टाइगर लगातार उन्हें छकाता रहा।
चिल्काबास गांव के रामदयाल के घर की किचन में टाइगर घुस गया था, क्योंकि किचन का गेट खुला था और वहां कोई रुकावट नहीं थी। टाइगर को ट्रैंकुलाइज करने वाले डॉ. दीनदयाल ने बताया कि रात को ट्रैंकुलाइज करना संभव नहीं था, इसलिए सुबह 6 बजे टीम मौके पर पहुंची और बंद कार से टाइगर के पास जाकर उसे ट्रैंकुलाइज किया। टाइगर का वजन 200 किलो था और उसे कार में डालने के लिए 10 लोगों ने मिलकर प्रयास किया।
फॉर्म हाउस के मालिक के कर्मचारी मनोज ने टाइगर की दहाड़ सुनकर पुलिस और वन अधिकारियों को सूचना दी थी। टाइगर को अब सरिस्का वापस ले जाया गया है और उसे कुछ समय तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा, जिसके बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा।