नागौर : पटाखा चलाते समय नादानी पड़ी बच्चे को भारी, जांघ में घुसा स्टील की ग्लास का टुकड़ा, लगे 32 टांके

दिवाली का समय आ चुका हैं जिसे रोशनी और आतिशबाजी के लिए जाना जाता हैं। खासतौर से बच्चों को पटाखे चलाने का बहुत शौक होता हैं। लेकिन कई बार पटाखा चलाते समय बच्चों की नादानी उनको नुकसान पहुंचा देती हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला जिले के लाडनूं तहसील के निम्बी जोधा गांव में जहां एक दस वर्षीय बच्चा स्टील की ग्लास के भीतर पटाखा रख चला रहा था जिसमें वह हादसे का शिकार हो गया और बच्चा गंभीर घायल हो गया। लहु-लुहान हालत में परिवार वालों ने बच्चें को लाडनूं चिकित्सालय में इलाज करवाया।

जानकारी के अनुसार यहां टंकी तिराहे के पास कुछ लोग एक स्टील की ग्लास के भीतर पटाखा रख कर पटाखें फोड़ रहे थे। इस दौरान पटाखा फूटने के बाद तेज धमाके के साथ ग्लास फट कर बिखर गई। फटे टुकड़ों में से तेज स्पीड से आया एक ग्लास का धार दार टुकड़ा नजदीक खड़े दस वर्षीय दिलशाद की जांघ में जा घुसा। जिससे वो लहुलूहान हो गया। गंभीर हालत में उसको परिवार वालो ने लाडनूं के राजकीय अस्पताल मे इलाज करवाया। पीड़ित के पिता ने बताया की दिलशाद की 32 टांके जांघ में आए है।

रोक के बाद चोरी छिपे बिक रहे पटाखें

दिपावली पर पटाखों के बिकने की गाइडलाइंस के संबंध में अभी तक कोई स्पष्ट आदेश नही आए है। फिर भी गली मोहल्लों में बारुदी पटाखों को चोरी छिपे बेचे जा रहे है। ऐसे पटाखा विक्रय करने वाले अपने फायदे के लिए बच्चों काे पटाके हाथ में थमा रहे है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।