वीजा नहीं मिलने की वजह से पढ़ा ऑनलाइन निकाह, दूल्हा जोधपुर में और दुल्हन कराची में

जोधपुर में एक हैरान करने वाली शादी देखने को मिली जहां ऑनलाइन निकाह पढ़ा गया जिसमें दूल्हा जोधपुर में था और दुल्हन कराची में। दूल्हा बने हारिश ने बताया कि ऑनलाइन निकाह करना अच्छा नहीं लग रहा है। क्या करें? कहने को तो दुल्हन सिर्फ सवा 600 किलोमीटर दूर बैठी है, लेकिन नियमों के कारण हमारा मिलना संभव नहीं हो पाया। अब जब हमने निकाह कर ही लिया है तो सरकार को हमारी मजबूरी देखकर वीजा दे देना चाहिए। ताकि हम मिल सके। दोनों 11 साल से एक-दूसरे को जानते थे। दोनों के परिवार शादी के लिए मान भी गए, लेकिन वीजा नहीं मिलने की वजह से शादी अटकी हुई थी। वीजा न मिलने के कारण दोनों परिवारों के लिए भारत या पाकिस्तान आना-जाना नहीं हो पाया। ऐसे में 11 साल के लंबे इंतजार के बाद दोनों ने फिलहाल ऑनलाइन ही सही इस उम्मीद में एक-दूसरे का हाथ थाम लिया कि आज नहीं तो कल वीजा मिल ही जाएगा।

जोधपुर के युवक मोहम्मद हारिश की 11 साल पहले पाकिस्तान के कराची में रहने वाली उसरा साबिर से पहचान हुई थी। दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों परिवारों ने मिलकर आपस में रिश्ता भी तय कर दिया, लेकिन इनकी शादी में वीजा आड़े आ गया। हारिश ने बताया कि उनका और उसरा का परिवार लगातार वीजा हासिल करने का प्रयास करता रहा, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से वीजा नहीं मिल पाया। ऐसे में हमने और इंतजार करने के बजाय निकाह करने का फैसला किया। इसके बाद तय किया गया कि दोनों फिलहाल ऑनलाइन निकाह कर लेंगे। इसके बाद जब भी संभव होगा वीजा लेकर दुल्हन उसरा भारत आ जाएगी। हारिश जोधपुर में अकाउंटेंट है। वहीं उसरा कराची में अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी है।

सिवाय ऑनलाइन निकाह कबूल करने के अलावा इस आयोजन में आमतौर पर एक निकाह में होने वाली सारी रस्म और रीति रिवाजों को निभाया गया। हारिश सजधज कर दूल्हा बने तो कराची में बैठी उसरा भी पूरी तरह से तैयार होकर दुल्हन बनी। दोनों परिवारों के रिश्तेदार और दोस्त भी जुटे। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए दोनों ऑनलाइन जुड़ गए। दोनों तरफ से मौजूद काजी ने निकाहनामा पढ़वाया। उसरा के निकाह कबूल करते ही सभी परिजन खुशी से उछल पड़े। इसके बाद दोनों परिवारों ने एक-दूसरे को बधाई दी और अपने-अपने यहां शादी की दावत का लुत्फ उठाया।