लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू कश्मीर पर मंडरा रहा है आतंक का खतरा : सूत्र

जम्मू कश्मीर में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 पर आतंकी हमले का ख़तरा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने इन चुनावों को नाकाम करने के लिए लश्कर, जैश के आतंकियों की कई टीमें बनाई है, जो पोलिंग बूथ और चुनावों में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों को निशाना बना सकते हैं। ख़ुफ़िया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई घाटी में मौजूद आतंकियों को एक्सप्लोसिव की जानकारी देने के लिए अफ़ग़ानिस्तान से एक आतंकी को कश्मीर में घुसपैठ कराने की साज़िश में है। जानकारों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आतंकी हमले का खतरा सबसे ज्यादा है और पाकिस्तान किसी भी कीमत पर कश्मीर के चुनावों को सफल नही होने देना चाहता। पुलवामा में हुए आतंकी हमले और उसके बाद बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान बौखलाहट में है। पाकिस्तान इस दौरान चुनावों को नाक़ाम करने के लिए बड़ी साजिश रच सकता है। पिछली बार पंचायत चुनावों में भी आतंकी गुटों ने चुनावों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को धमकी दी थी और चुनावों का बहिष्कार करने को कहा था।

ख़ुफ़िया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई ने आतंकियों की तीन टीम बनाई हैं, जिन्हें सेना के जवानों और सुरक्षाबलों के काफिले पर हमले करने को कहा है, जो इलेक्शन ड्यूटी में लगे हैं। जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों भी कराने की तैयारी की जा रही है। गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग के बीच बैठक में ये फैसला किया गया है कि सरकार चुनावों में हिस्सा लेने वाले सभी उम्मीदवारों के साथ-साथ पोलिंग बूथों के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगी। इसके लिए केंद्र कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की करीब 800 अतिरिक्त कंपनियां भेजेगा।

केंद्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, विधानसभा चुनावों में सभी उम्मीदवारो के साथ-साथ पोलिंग बूथों पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करना एक बड़ा टास्क है, जिससे लोग बिना डरे और सुरक्षा के महौल में मतदान कर सकें।

केंद्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, "आने वाले दिनों में सुरक्षाबलों के लिए सफल विधानसभा चुनावों के साथ-साथ सुरक्षित अमरनाथ यात्रा कराने की डबल जिम्मेदारी है। ऐसे में हमे काफी ज्यादा अतिरिक्त बलों की जरूरत होगी। हमें प्री पोल, पोल और आफ्टर पोल के लिए सुरक्षाबलों की जरूरत होंगी। यही नहीं, चुनावों में भाग लेने वाले पोलिंग एजेंट्स और पोल टीम की सुरक्षा और ईवीएम मशीन की सुरक्षा भी एक बड़ा टास्क है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, देशभर में हो रहे लोकसभा चुनावों के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव करा पाना नामुमकिन है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे मजबूत और विश्वसनीय इनपुटों में पता चला है कि आतंकवादी के मद्देनजर एक बार फिर आतंकवादी बड़े हमले की योजना को अंजाम दे सकते हैं। हमलों को जम्‍मू-कश्‍मीर में अंजाम दिया जा सकता है। इस हमले के लिए विदेशी आतंकियों की तीन टीमें तैयार की गई हैं। इन टीमों में स्‍थानीय आतंकवादियों को भी शामिल किया गया है।