साल 2020 में मोबाइल यूजर्स का फोन बिल बढ़ सकता है। टेलिकॉम कंपनियां टैरिफ में 25 से 30% तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। दरअसल, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की बकाया रकम के तौर पर भुगतान करना है। 24 अक्तूबर को उच्च न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया को एजीआर की बकाया रकम के तौर पर 53,039 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया था, जिसके लिए समयसीमा 23 जनवरी 2020 तक की है। इसलिए इन टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए टैरिफ बढ़ाने होंगे, जिसकी वजह से यूजर्स का मोबाइल बिल बढ़ेगा।
इस संदर्भ में उद्योग के विश्लेषकों का कहना है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत में टेलिकॉम सुविधाओं पर सब्सक्राइबर्स का कुल खर्च कम है। कंपनियों के एवरेज रेवेन्यू पर यूजर ( ARPU ) में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, चीन, फिलीपींस, जापान और ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले भारत में कम्युनिकेशन पर यूजर्स का खर्च बहुत कम है।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, इस संदर्भ में आईआईएफएल सिक्योरिटीज के डायरेक्टर संजीव भसीन ने कहा कि, 'रिलायंस जियो के बाजार में आने से पहले टेलिकॉम कंपनियों का एआरपीयू 180-200 रुपये का था। मौजूदा समय में यह इससे काफी कम है। बीते तीन सालों में टेलिकॉम से जुड़ी सुविधाओं पर यूजर्स का खर्च कम हुआ है। साल 2020 में टेलिकॉम कंपनियां टैरिफ में 30% तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं।'
बता दे, साल 2019 के अंत में प्रीपेड टैरिफ बढ़ाया गया था। सभी टेलिकॉम कंपनियों ने इसमें 14-33% की बढ़ोतरी की थी। जिससे इन कंपनियों का एआरपीयू मौजूदा 120 रुपये से आगामी महीनों में बढ़कर लगभग 160 रुपये पर पहुंच सकता है।