तालिबान की भारत को खुली चेतावनी, सेना को अफगानिस्तान भेजा तो अच्छा नहीं होगा

तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है। देश के आधे से ज्यादा जिलों पर तालिबान काबिज हो चुका है। पिछले तीन महीने में इस संगठन के कब्जे वाले शहरों की संख्या 77 से बढ़कर 242 तक पहुंच चुकी है। देश के 65% इलाके पर अब तालिबान का कब्जा है। कंधार पर कब्जे के बाद तालिबान की पकड़ मजबूत हुई है। पिछले आठ दिन में तालिबान ने 13 शहरों पर कब्जा कर लिया है।

तालिबानी अब काबुल को अपने कब्जे में लेने वाले हैं। तालिबान राजधानी काबुल से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीँ, इस बीच तालिबान ने भारत को को चेतावनी दी है। विद्रोही संगठन के प्रवक्ता ने साफ कर दिया है कि अफगानिस्तान में भारत को सैन्य मौजूदगी से बचना चाहिए।

तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि अगर भारत, अफगानिस्तान में सैन्य रूप से आता है और यहां उसकी उपस्थिति होती है, तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने अफगानिस्तान में दूसरे देशों के सैन्य उपस्थिति की हालत देखी, तो यह उनके लिए एक खुली किताब है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाही ने कहा, ‘सैन्य भूमिका से आपका मतलब क्या है? अगर वे सैन्य तौर पर अफगानिस्तान आते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि यह उनके लिए अच्छा होगा। उन्होंने अफगानिस्तान में दूसरे देशों की सैन्य मौजूदगी का भाग्य देखा है। ऐसे में यह उनके लिए खुली किता है। और अफगान के लोगों या राष्ट्रीय परियोजनाओं को लेकर उनकी मदद, मुझे लगता है कि तारीफ करने वाली है।

शाहीन ने कहा, 'डेम, नेशनल प्रोजेक्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और कुछ भी जो अफगानिस्तान के विकास, इसके दोबारा निर्माण, आर्थिक समृद्धि और अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए कामों की सराहना करते हैं।'

हिंदू और सिख समुदाय की सुरक्षा और पक्तिया प्रांत में हुए गुरुद्वारा वाले मामले पर शाहीन ने कहा, 'वहां पर झंडा सिख समुदाय ने हटाया था। उन्होंने उसे खुद हटाया था। जब मीडिया में खबरें आई थीं, तो हमने पक्तिया प्रांत में अपने अधिकारियों से बात की और उन्हें इसके बारे में बताया। इसके बाद हमारे सुरक्षा बलों ने गुरुद्वारा पहुंचकर परेशानी के बारे में पूछा।' उन्होंने कहा है कि समुदाय अपने धार्मिक कार्यक्रम कर सकता है।

अफगानिस्तान की त्रासदी के पीछे ISI का हाथ!

उधर, पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर अफरासियाब खट्टक ने दावा किया है कि अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का हाथ है, जिसका समर्थन तालिबानियों को मिला हुआ है। अफरासियाब ने कहा कि आईएसआई तालिबानियों की मदद, अफगानिस्तान को अस्थिर करने में कर रहा है। महज कुछ दिनों के भीतर ही तालिबानी आतंकी काबुल पर भी कब्जा कर लेंगे। महिलाओं और लड़कियों का भविष्य अब अफगानिस्तान में अंधकारमय दिख रहा है। महिलाओं को खींचते हुए ले जाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं।