पंजशीर में 600 तालिबानी मारे गए, अमरुल्लाह सालेह बोले- ISI चला रहा तालिबान को, पाकिस्तानी दूतावास से लगातार मिल रहे निर्देश

तालिबान (Taliban) को अफगानिस्‍तान (Afghanistan) पर कब्‍जा जमाए अब दो हफ्ते से ज्‍यादा का समय हो चुका है लेकिन अभी भी तालिबान सरकार के गठन को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है। इस बीच पंजशीर में रेजिस्टेंस फोर्स ने दावा किया है कि शनिवार को उसने 600 तालिबानियों को मार गिराया और 1000 तालिबानियों ने या तो सरेंडर कर दिया या उन्हें पकड़ लिया गया। वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति और रेजिस्टेंस फोर्स की अगुवाई कर रहे अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा दावा किया है। ब्रिटिश अखबार डेली मेल के लिए लिखे आर्टिकल में सालेह ने कहा है कि तालिबान को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI चला रही है और तालिबानी प्रवक्ता को पाकिस्तानी दूतावास से हर घंटे निर्देश मिल रहे हैं।

सालेह ने ये भी लिखा है कि पंजशीर में तालिबान का सामना करने का फैसला लेते वक्त उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मी से कहा था कि अगर तालिबान से लड़ाई में जख्मी हो जाऊं तो मेरे सिर में दो बार गोली मार देना, मैं तालिबान के सामने सरेंडर नहीं करना चाहता।

अफगानिस्तान में सत्ता को लेकर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में लड़ाई छिड़ गई है। अफगानिस्तान के अखबार 'पंजशीर ऑब्जर्वर' की रिपोर्ट के मुताबिक हक्कानी नेटवर्क की फायरिंग में तालिबान का को-फाउंडर मुल्ला बरादर घायल हो गया है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बरादर का इस समय पाकिस्तान में इलाज चल रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर में जारी जंग में पाकिस्तान के सैनिक तालिबान का साथ दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि पंजशीर में मारे गए एक पाकिस्तानी सैनिक का आई-कार्ड भी मिला है।

बता दें, पाकिस्तान पर तालिबान की मदद करने और उसे बढ़ावा देने के आरोप काफी समय से लगते रहे हैं और अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के पीछे भी पाकिस्तान का हाथ होना बताया जा रहा है।

अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के ऐलान से पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के काबुल पहुंचने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस बीच अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मरियम सोलाइमनखिल ने कहा है कि ISI चीफ काबुल इसलिए पहुंचे हैं ताकि आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के नेता को तालिबानी सरकार का प्रमुख बनवा सकें और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को प्रमुख बनने से रोक सकें।

मरियम ने ये भी कहा है कि तालिबानी गुटों और मुल्ला बरादर के बीच कई मुद्दों पर असहमति है और बरादर ने अपने लोगों को पंजशीर में चल रही जंग से दूर कर लिया है।