एलोपैथी Vs आयुर्वेद: माफी मांगने के बाद बाबा रामदेव ने पूछे 25 सवाल, कहा- एलोपैथी के पास माइग्रेन-एसिडिटी का भी स्थाई इलाज नहीं

डॉक्टरों और एलोपैथिक चिकित्सा को लेकर उठा विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन के पत्र लिखने के बाद बाबा रामदेव ने डॉक्टरों को लेकर दिए गए अपने बयान पर माफी तो मांग ली लेकिन आज योगगुरु के एक ट्वीट ने मामले को फिर हवा दी है। स्वामी रामदेव ने कुछ देर पहले एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दवा कंपनियों से 25 सवाल पूछे हैं। उन्होंने हाइपरटेंशन, टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज जैसे कई बीमारियों के स्थाई समाधान के बारे में सवाल पूछा है।

स्वामी रामदेव ने अपने 25 सवालों की लिस्ट में डॉक्टरों और दवा कंपनियों से थायरायड, ऑर्थराइटिस, कोलाइटिस, अस्थमा और हेपेटाइटिस जैसे बीमारियों के लिए दवाओं के बारे में सवाल पूछा है। साथ ही उन्होंने पूछा है कि एलोपैथी को शुरू हुए 200 साल हो जाने के बाद जिस तरह टीबी और चेचक जैसी बीमारियों के स्थाई समाधान ढूंढ लिए गए, उसी तरह लिवर संबंधी रोग के उपाय क्यों नहीं ढूंढे जा सके।

बाबा रामदेव ने दवा कंपनियों से पूछा है कि आंखों का चश्मा उतारने और हीयरिंग एड हट जाने का निर्दोष इलाज हो तो बताएं।

बाबा रामदेव ने अपने ट्वीट में कई ऐसी गंभीर बीमारियों के बारे में IMA और दवा कंपनियों से सवाल पूछा है, जिनका अभी तक स्थाई और निर्दोष इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। उन्होंने अपने सवालों की लिस्ट में पायरिया, माइग्रेन, कोलेस्ट्रॉल ट्राइग्लिसराइड्स, सोरायसिस, पार्किंसन, अनिद्रा, एसिडिटी जैसे तमाम रोगों के नाम गिनाए हैं और दावा भी किया है कि एलोपैथी के पास इन सभी बिमारिओं का स्थाई इलाज नहीं है।