रिया चक्रवर्ती ड्रग्स केस में NCB की छापेमारी जारी, शोविक के पेडलर दोस्त सूर्यदीप को पकड़ा

सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput) के बाद ड्रग कनेक्शन मामले में उनकी गर्लफ्रेंड और बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। उधर, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की छापेमारी जारी है। आज एनसीबी (NCB) की टीम ड्रग पैडलर सूर्यदीप मल्हौत्रा के घर पर सुबह से छापेमारी कर रही है। सूर्यदीप, रिया चक्रवर्ती के भाई शोविक का स्कूल फ्रेंड है और उसके कई चैट सामने आए हैं। सूर्यदीप को थोड़ी देर में एनसीबी दफ्तर लाया जा सकता है।

वहीं, रिया चक्रवर्ती और बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन में पकड़े 7 ड्रग्स पैडलरों को आज ACMM कोर्ट में पेश किया जाएगा। सभी आरोपियों को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया जा रहा है। 7 में से एक आरोपी गोवा से गिरफ्तार हुआ था। जिन लोगों की पेशी है उनके नाम हैं- करमजीत सिंह आनंद उर्फ केजे, ड्वैन फर्नांडीस, संकेत पटेल, अंकुश अरजेंका, संदीप गुप्ता, आफताब फतेह अंसारी और क्रिस कोस्टा।

सबसे अहम गिरफ्तारी हुई ड्रग पेडलर केजे उर्फ करमजीत की। 23 साल के केजे से गांजा और चरस मिला। दादर से एंथोनी समेत दो ड्रग पेडलर पकड़े गए। इनसे भी आधा किलो गांजा मिला। पवई से अंकुश अरनेजा को दबोचा गया, जो केजे से ड्रग्स लेता था। गोवा से क्रिश कोस्टा पकड़ा गया। इन गिरफ्तारियों के बाद ड्रग कनेक्शन की तस्वीर काफी कुछ साफ होती जा रही है।

ड्रग रैकेट चार बडे़ खिलाड़ी सामने आए हैं। करमजीत उर्फ केजे, जैद विलात्रा, अनुज केशवानी और अंकुश अरनेजा। करमजीत रैकेट का बड़ा खिलाड़ी था। उसने दस बार सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत के जरिये सुशांत तक ड्रग पहुंचाई। शोविक के कुछ और राजदार भी कॉल डिटेल के आधार पर एनसीबी के रडार पर आ गए हैं। केजे के जरिए सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत को ड्रग्स मिलती थी। इसके बाद शोविक और रिया से होते हुए सुशांत तक पहुंचती थी। एंथनी भी कई बार दीपेश और मिरांडा को ड्रग देता था जो सुशांत तक पहंचती थी। पूरा रैकेट ये था कि क्रिस कोस्टा से ड्रग केसवानी तक आती थी। कैजान मिडिलमैन था। उससे ड्रग करमजीत को मिलती और फिर आगे जाती।

आपको बता दे, एनसीबी ने रिया को नारकोटिक ड्रग्‍स एंड साइकोट्रोपिक सब्‍सटेंस एक्‍ट (NDPS Act) की धारा 8c, धारा 20b, धारा 27A, धारा 28 और 29 के तहत गिरफ्तार किया है। इन सभी में कम से कम दस वर्ष की सजा का प्रावधान है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वकील हरि प्रकाश आदित्‍य मानते हैं कि जिन धाराओं के तहत रिया को आरोपी बनाया गया है वे सभी काफी संगीन है। यही वजह है कि इनमें आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल होता है। रिया के पास अब हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्‍प खुला है। यहां जाने से पहले उन्‍हें अच्‍छी तैयारी करनी होंगी। रिया के वकील को कुछ नई दलीलें हाईकोर्ट में देनी होंगी। क्‍योंकि जिन दावों को निचली अदालत नहीं मान रही है उन्‍हें मुमकिन है कि हाईकोर्ट भी ज्‍यादा तवज्‍जो न दे। यदि वहां से भी उनकी जमानत याचिका खारिज हो जाती है तो सुप्रीम कोर्ट अंतिम विकल्‍प बचता है। ये विकल्‍प आखिरी भी है और कुछ मुश्किल भी है।

आदित्‍य का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट से भी रिया को जमानत नहीं मिलती है तो उन्‍हें 14 दिनों तक जेल में ही रहना होगा। न्‍यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद उन्‍हें दोबारा एनडीपीएस की विशेष कोर्ट के समक्ष पेश किया जएगा। यहां पर एनसीबी उन्‍हें दोबारा न्‍यायिक हिरासत में भेजने की अपील कर सकती है। इसके स्‍वीकार या खारिज करने पर ही वो जेल से बाहर आ सकेंगी। उनके मुताबिक सीआरपीसी की धारा 167 के तहत किसी भी आरोपी को एक बार में 14 दिनों से अधिक जेल में नहीं रखा जा सकता है। इस अवधि के बाद उसको जज के सामने प्रस्‍तुत करना अनिवार्य होता है। उनके मुताबिक एनडीपीएस एक्‍ट के तहत छह माह के अंदर चार्जशीट फाइल करनी होती है। आदित्‍य के मुताबिक इस मामले में अभी जांच शुरुआती दौर में हैं ऐसे में कोर्ट से जमानत मिलना मुश्किल होता है। हाईप्रोफाइल मामलों में ये इसलिए भी मुश्किल होता है क्‍योंकि वहां पर सुबूतों से छेड़छाड़ की संभावना अधिक होती है।