जानें क्रिप्टोकरेंसी पर कितना विश्वास करते है भारतीय, सर्वे में सामने आई चौकाने वाली बात

देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर सरकार कई बैठकें कर चुकी हैं। सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर संसद के शीत सत्र में बिल पेश करने वाली है। द क्रिप्टोकरेंसी एंड द रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करंसी बिल 2021 का एजेंडा लोकसभा की वेबसाइट पर मंगलवार देर शाम जारी किया गया था। उसमें कहा गया कि भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। इस बीच LocalCircles का एक सर्वे सामने आया है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देशवासियों की राय जानने की कोशिश की गई है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोकलसर्किल (LocalCircles) ने पिछले 15 दिनों में ये सर्व किया है। इस सर्वे में 342 जिलों के कुल 56,000 लोगों के विचारों को शामिल किया गया है। सर्वे में 66% पुरुष और 34% महिलाओं की राय ली गई। इस सर्वे का मकसद यह था कि पता लगाया जा सके कि भारतीयों का क्रिप्टोकरेंसी में कितना विश्वास है।

सर्वे (Survey) में सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, हर दूसरा भारतीय क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है। यानी आधी आबादी चाहती है कि देश डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) को वैध बनाया जाए। सर्वेक्षण में शामिल 76% लोग चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तब देश में रोक हो, जब तक कि इसपर नियामक स्पष्टता न हो।

सर्वेक्षण में आगे कहा गया है कि फिलहाल 71% भारतीयों का अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टोकरेंसी पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। जबकि 51% लोग चाहते हैं कि भारत सरकार अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करे। वहीं 54% भारतीय चाहते हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वैध ना करे। लेकिन उसपर टैक्स विदेशी डिजिटल संपत्ति की तरह ही लगाया जाए। जबकि 26% लोग क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के पक्ष में हैं, और उनका कहना है कि इस वैध कर दिया जाए। और फिर उसपर टैक्स लगाया जाए।

सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि 87% भारतीय परिवार क्रिप्टो में ट्रेडिंग या निवेश नहीं करता है, जबकि सर्वेक्षण में शामिल 74% लोगों का कहना था कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विज्ञापनों में जोखिमों के बारे में नहीं बताया जाता है।