सुप्रीम कोर्ट से आसाराम को झटका, जमानत देने से किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कथावाचक आसाराम (Asaram Bapu) को यौन शोषण मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया है। उच्चतम न्यायलय का कहना है कि गुजरात ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात ट्रायल कोर्ट से जल्द इस मामले की सुनवाई पूरी करने को भी कहा है. बता दें कि आसाराम बापू ने कोर्ट से गुजरात के सूरत रेप केस में जमानत देने की मांग की थी।

सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायलय में न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि आसाराम के खिलाफ चल रहे सूरत रेप केस में अभी 210 गवाहों के बयान दर्ज होने बाकी हैं। रिपोर्ट के अनुसार आसाराम की याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि निचली अदालत की सुनवाई जारी रखेगी और गुजरात हाई कोर्ट द्वारा कही गई बातों से प्रभावित नहीं होगी।

इससे पहले सूरत की रहने वाली दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज की थीं और उन पर अन्य आरोपों के साथ बलात्कार का आरोप लगाया था। रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी बहन ने आरोप लगाया था कि जब वह आसाराम के अहमदाबाद वाले आश्रम में रह रही थी तो 1997 से 2006 के बीच आसाराम ने उसका बालत्कार किया था। वहीं छोटी बहन ने आरोप लगाते हुए कहा था कि सूरत के जहांगीपुरा में बने आश्रम में 2002 से 2005 के बीच आसाराम के बेटे नारायण साई ने उसका रेप किया था।

इससे पहले आसाराम के बेटे नारायण साई को सूरत की एक अदालत ने 30 अप्रैल 2019 को दुष्कर्म के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इसके साथ ही नारायण साई पर 5 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया था।

बता दें कि रेप केस में दोषी आसाराम जोधपुर की जेल में बंद हैं और वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। वहीं आसाराम के बेटे नारायण साई भी रेप केस में दोषी हैं और वो भी 2013 से ही लाजपोर जेल में बंद हैं। इससे पहले बीते वर्ष आसाराम ने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पास अपनी दया याचिका की गुहार लगाई थी।