सबरीमाला केस को सुप्रीम कोर्ट ने 7 जजों की संविधान बेंच के पास भेजा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को तीन बड़े मामलों पर अपना फैसला सुनाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अदालत की अवमानना और राफेल विमान सौदे पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। राहुल और राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला साफ है, लेकिन सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे (Sabarimala Case) को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इसे 7 जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया है। 5 जजों वाली बेंच ने 3:2 के अनुपात से इस मामले को बड़ी बेंच को भेजा है, हालांकि इस दौरान सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SC के फैसले सभी के लिए बाध्यकारी हैं और 2018 का फैसला बरकरार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच में जस्टिस नरीमन, जस्टिस चंद्रचूड़ ने तीन जजों से अलग राय रखी। जस्टिस नरीमन का मानना था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी के लिए बाध्य है, इसे लागू करने में कोई ऑप्शन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबरीमाला मंदिर पर फैसले का असर सिर्फ यहां तक सीमित नहीं रहेगा, इसका असर अन्य धर्मों में चल रही प्रथा पर भी पड़ेगा।

आपको बता दें कि सबरीमाला मामले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फरवरी में बहस पूरी कर ली थी। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। इन याचिकाओं में शीर्ष कोर्ट के 2018 के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी। 2018 का फैसला सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देता है। बता दें कि पीठ ने केरल सरकार, त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी), नायर सर्विस सोसाइटी व अन्य सहित सभी पक्षों को सुना था। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह यह आदेश देगी कि फैसले पर पुनर्विचार किया जाए या नहीं।