सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी घोटाले से संबंधित सभी मामलों की जांच पूरी करने के लिए केंद्र, CBI और प्रवर्तन निदेशालय ED को 6 महीने का समय दिया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि ये देश के लिए एक अहम मामला है और देश को अंधेरे में नहीं रखा जा सकता। इतने साल बाद भी आखिरकार जांच पूरी क्यों नहीं हुई। आखिर कौन है जो जांच में बाधा बना हुआ है।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि चार साल के बाद कोर्ट के पास ये मामला आया है। इस मामले में CAG ने जो सवाल उठाए थे उनके सवाल देश को चाहिए। चाहे कोई भी नतीजा निकले और कोर्ट ने केंद्र को इस संबंध में दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। इस मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को होगी। वहीं 2G मामले में स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील के लिए ASG तुषार मेहता को स्पेशल पीपी नियुक्त करने के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य मामले में ट्रायल कोर्ट का फैसला आ चुका है और कोर्ट ने स्पेशल पीपी की नियुक्ति ट्रायल कोर्ट के लिए थी। इसलिए अपील के लिए केंद्र किसी भी स्पेशल पीपी की नियुक्ति को स्वतंत्र है। कोर्ट ने केस के स्पेशल पीपी आनंद ग्रोवर को पद से मुक्त किया। उन्होंने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 2G केस से मुक्त करने की मांग की थी। इससे पहले एनजीओ CPIL ने 2जी मामले में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को स्पेशल पब्लिक प्रोस्क्यूटोर नियुक्त करने के Department of Personnel & Training के फैसले के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका (Contempt Petition) दाखिल की थी। याचिका में आरोप था कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल पीपी आनंद ग्रोवर को नियुक्त किया था। ये फैसला कोर्ट के फैसले की अवमानना है।