सुप्रीम कोर्ट ने CBSE-ICSE की मूल्यांकन स्कीम को बताया सही, सभी याचिकाएं खारिज

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सीबीएसई सहित अन्य राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि कॉलेज एडमिशन तभी शुरू होंगे, जब 12वीं कक्षा के हर तरह के परिणाम जारी हो जाएंगे। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कक्षा 12 की एवरेज मार्किंग स्कीम के खिलाफ दर्ज सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।

आपको बता दें कि सीबीएसई और आईसीएसई के 12वीं की एवरेज मार्किंग स्कीम को कई छात्रों और अभिभावकों ने कोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि जो छात्र फिजिकल एग्जाम देंगे उनका नतीजा बाद में आएगा, जिससे उन्हें कॉलेज में प्रवेश मिलने में मुश्किल होगी। दूसरी ओर, सरकार ने आज कोर्ट को बताया कि फिजिकल एग्जाम 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच होंगे।

यानी इनका रिजल्ट उसके बाद ही आएगा, जबकि एवरेज मार्किंग स्कीम के तहत नतीजे 31 जुलाई तक जारी होंगे। इसलिए यूजीसी हर कॉलेज को ये निर्देश देगा कि दाखिले की प्रक्रिया तब ही शुरू होगी, जब हर तरह के नतीजे आ जाएंगे। प्राईवेट, कंपार्टमेंट और पत्राचार के छात्र भी फिजिकल एग्जाम देंगे जो की 15 सितंबर तक खत्म हो जाएगा।

जस्टिस ए. एम. खानविल्कर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की बेंच में CBSE कंपार्टमेंट, प्राइवेट एग्जाम रद्द करने की मांग वाली 1152 छात्रों की याचिका पर भी सुनवाई की। इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि स्टेट और सेंट्रल बोर्ड को एक ही नियमों में नहीं बांधा जा सकता। हर बोर्ड के अपने नियम कायदे हैं और वे अपने हिसाब से असेसमेंट पॉलिसी तय करने का अधिकार रखते हैं।

इसके साथ ही कोरोना महामारी में स्टूडेंट्स को सुरक्षित रखना ज्यादा जरूरी है। इसलिए एग्जाम नहीं करवाया जा सकता। बेंच ने छात्रों को मूल्यांकन स्कीम या परीक्षा में बैठने में से किसी एक विकल्प को चुनने की मांग को ठुकरा दिया। इसके साथ ही 12वीं का फिजिकल एग्जाम जुलाई में ही आयोजित कराने से भी कोर्ट ने इनकार कर दिया।

सीबीएसई के फॉर्मूले के अनुसार 10वीं के 5 विषयों में से जिन 3 में छात्र ने सबसे ज्यादा स्कोर किया होगा, उन्हीं को नतीजा तैयार करने के लिए चुना जाएगा। 11वीं के पांचों विषयों और 12वीं क्लास के यूनिट, टर्म या प्रैक्टिकल में प्राप्त नंबर को रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। 10वीं और 11वीं के अंकों को 30-30 प्रतिशत और 12वीं के नंबर को 40 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए हालात सामान्य होने पर अलग परीक्षा की व्यवस्था की जाएगी।