सुप्रीम कोर्ट का राघव चड्ढा को निर्देश, राज्यसभा अध्यक्ष से बिना शर्त माफी मांगें

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के निलंबित सांसद राघव चड्ढा को चयन समिति के मुद्दे पर राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। इसके साथ ही उम्मीद जताई कि वह इस मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रुख अपनाएंगे। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद मामले में हुए घटनाक्रम से उसे अवगत कराने को कहा।

ज्ञातव्य है कि राज्यसभा से निलंबित सांसद राघव चड्ढा की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई में CJI ने AG से पूछा था कि इस तरह के अनिश्चितकालीन निलंबन का असर उन लोगों पर पड़ेगा, जिनके निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है। विशेषाधिकार समिति के पास सदस्य को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करने की शक्ति कहां है? क्या इससे विशेषाधिकार का उल्लंघन होता है?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को शांत करने के लिए दखल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा को राज्यसभा में सभापति से मिलकर बिना शर्त माफी मांगने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप ऐसा करते हैं तो सभापति सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और मामले को आगे बढ़ाएंगे।

CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि राघव चड्ढा कम उम्र के और पहली बार के सांसद हैं। वो बिना शर्त माफी मांग लेंगे। ऐसे में इस मुद्दे को खत्म कर देना चाहिए।

11 अगस्त से निलंबित है चड्ढा

राघव चड्ढा 11 अगस्त से निलंबित हैं। इस दिन जब कुछ सांसदों, जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ भाजपा के हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में अपना नाम जोड़ा गया था। प्रस्ताव में विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए एक चयन समिति के गठन की मांग की गई। यह आरोप लगाया गया था कि पंजाब से राज्यसभा सांसद ने दिल्ली सेवा विधेयक को चयन समिति को सौंपने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था।