दुनिया के आखिरी उत्तरी सफेद नर गैंडे 'सुडान' की मौत, सिक्योरिटी में तैनात रहते थे गनमैन

दुनिया का इकलौता सफेद नर गैंडा 'सूडान' आखिरकार दुनिया को अलविदा कह ही गया। सूडान ने 19 मार्च को केन्या के ओआई पेजेटा अभ्यारण्य में आखिरी सांस ली। बता दें कि इस गैंडे की देखभाल केन्या में वन्यजीवों की रक्षा करने वाली एक संस्था कर रही थी। अभ्यारण्य ने एक बयान जारी कर बताया है कि 45 वर्षीय सूडान की तबीयत खराब होने की वजह से सोमवार को उसे मौत की दवा दे दी गई। बयान में ये भी कहा गया है कि उम्र बढ़ने के कारण उसकी मांसपेशियां और हड्डियां भी कमजोर हो गई थी, जिसके बाद अभ्यारण्य ने उसे दया मृत्यु देना ही ठीक समझा। बता दें कि अब सफेद गैंडे के नाम पर सिर्फ दो मादा गैंडे ही बचे हैं।

बता दें कि 'सुडान' की प्रजाति को बचाने और इसके पैर के इलाज के लिए पैसे इकट्ठा हो सके, इसके लिए उसकी प्रोफाइल डेटिंग ऐप पर भी बनाई गई थी, जिससे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए 9 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया जा सके।

उल्लेखनीय है कि एक समय अफ्रीका के सहारा उपक्षेत्र में हजारों सफेद गैंडे थे लेकिन लगातार शिकार की वजह से उत्तरी सफेद गैंडों की संख्या में तेजी से कमी आई। बताया जाता है कि शिकारी इन गैडों की सींग को 50,000 डॉलर प्रति किलो से ज्यादा के दाम पर बेचते हैं।

इसी वजह के चलते लगातार शिकार होता रहा और इनकी संख्या में भारी कमी आई, जिससे 1990 तक यह गैंडे सिर्फ 400 ही बचे, जबकि साल 1970 में इनकी संख्या 20,000 से भी अधिक हुआ करती थी।

मांस पेशियों, हड्डियों और त्‍वचा में गहरे घाव से पीडि़त था सूडान

ओआई पेजेटा अभ्‍यारण ने अपने एक बयान में कहा है कि सोमवार को 45 वर्ष के गैंडा सूडान को दया मृत्‍यु दे दी गई। यह फैसला वन्‍य जीव अधिकारियों से सलाह मशविरा के बाद लिया गया। बता दें कि इस गैंडे की देखभाल केन्या में वन्यजीवों की रक्षा करने वाली एक संस्था कर रही थी। दरअसल सूडान उम्र के अंतिम पड़ाव पर वह कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य जटिलताओं से पीडि़त था। वह मांस पेशियों, हड्डियों और त्‍वचा में गहरे घाव से पीडि़त था। उसके दाहिने पैर में गहरे जख्म हो गए थे। बयान में कहा गया है कि सूडान की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उसने फरवरी के आखिरी दो हफ्ते और मार्च के शुरुआत लेटे-लेटे ही बिता दी।

24 घंटों में और बिगड़ी हालत

बताया जा रहा है कि इकलौते सफेद नर गैंडे सूडान की हालत पिछले 24 घंटे में और ज्यादा बिगड़ गई थी। वो ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद पशु चिकित्सकों की टीम और ओआई पेजेटा अभ्यारण्य की टीम ने उसे दया मृत्यु देने का फैसला लिया और उसे मौत की दवा पिलाई गई। केन्या से पहले सूडान चेक रिपब्लिक के एक चिड़ियाघर में दो मादा गैंडों के साथ रहता था। अब सफेद गैंडों के नाम पर सिर्फ यही दो मादा गैंडे बचीं हुईं हैं, जिनमें एक नजिन है, जो 27 साल की है और दूसरे काम फेतु है, जो अभी 17 साल की है।

कौन था सूडान?

सूडान दुनिया का आखिरी सफेद नर गैंडा था, जो केन्या के ओआई पेजेटा अभ्यारण्य में रह रहा था। गैंडों की सींग की बढ़ती मांग के बाद दुनिया से गैंडों की प्रजाति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। लिहाजा सूडान को केन्या के ओआई पेजेटा अभ्यारण्य में खूब ख्याल के साथ रखा जाता था। बताया जाता है कि सूडान को सिक्योरिटी भी दी जाती थी और उसके साथ हमेशा गनमैन भी तैनात रहते थे। सूडान के अलावा बची हुई दो मादा गैंडों को भी सिक्योरिटी के साथ रखा जाता है।