बाड़मेर में बनी देश की पहली हाईवे एयर स्ट्रिप का हुआ सफल ट्रायल, 25 इमरजेंसी स्ट्रिप में से 13 रखी जाएगी सीक्रेट

जब भी कभी किन्हीं देशों में युद्ध होता हैं तो सबसे पहले दुश्मन की एयरस्ट्रिप नष्ट की जाती है, ताकि वह अटैक ही न कर पाए। ऐसे में हाईवे ही एयरस्ट्रिप बन जाए तो दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता हैं। इसी की सोच में भारतीय वायुसेना का दो दशक का इंतजार पूरा हो गया। बाड़मेर में बनी देश की पहली हाईवे एयर स्ट्रिप का बीते दिन गुरुवार को सफल ट्रायल किया गया। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत नेशनल हाईवे पर फाइटर जेट और ट्रांसपोर्ट विमान सी 130 जे सुपर हरक्युलिस की लैडिंग कराई गई। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी हरक्युलिस में थे।

इस एयरस्ट्रिप से पाक सीमा की दूरी भले 40 किमी हो, पर हवाई दूरी 10 किमी से कम है। ऐसे में यहां से कच्छ से रण व समुद्र में एयरस्ट्राइक हो सकती है। इस कॉम्बेट ऑपरेशन में रिस्पॉन्स टाइम सिर्फ 2 घंटे होगा। जैसलमेर-बाड़मेर और जैसलमेर-फलोदी के बीच दो ऐसे लैडिंग ग्राउंड और तैयार हो रहे हैं। देशभर में कुल 25 इमरजेंसी स्ट्रिप बन रही हैं। इसमें से 13 सीक्रेट रखी जाएंगी। बाकी 12 एयरस्ट्रिप के नाम सार्वजनिक किए गए हैं।

देशभर में 53 से ज्यादा ऑपरेशनल एयरबेस हैं। इनके आसपास भी हाईवे रनवे में तब्दील करने की रणनीति है। पहले फेज में पाक-चीन को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के अलावा अरुणाचल, मेघालय, पंजाब व गुजरात में रनवे बनाए जा रहे हैं। आने वाले समय में हर बड़े हाइवे पर 50-100 किमी के दायरे में ऐसी एक एयरस्ट्रिप तैयार की जाएगी, जहां से हर तरह के लड़ाकू विमान उड़ सकेंगे और हमले के बाद वापस वहीं लैंड भी कर सकेंगे।