भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस ने सोमवार को पहली बार सफलतापूर्वक हवा में ईंधन भरने की बाधा पूरी कर ली। 20 हजार की ऊंचाई पर इस लड़ाकू विमान में पहली बार ईंधन भरने का परीक्षण सफल रहा। इसके साथ ही भारत उन देशों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है जिसके पास सैन्य विमानों के लिए हवा में उड़ान के दौरान ईंधन भरने की प्रणाली है। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने यह जानकारी देते हुए कहा कि तेजस में ईंधन भरने का काम 20, 000 फीट की ऊंचाई पर किया गया। इस दौरान उसकी गति 270 नॉट्स थी। सोमवार को तेजस एलएसपी-8 ने बीच हवा में सफलतापूर्वक आईएल-78 रिफ्यूलिंग टैंकर से 1900 किलोग्राम ईंधन भरने में कामयाब हो गया।
नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर के विंग कमांडर सिद्धार्थ सिंह ने इस तेजस विमान को उड़ाया। तेजस में ईंधन भरने का काम सोमवार सुबह 9.30 बजे किया गया। इस परीक्षण के बाद तेजस को अंतिम अभियानगत मंजूरी (एफओसी) मिल जाएगी। यह विमान बीच हवा में ईंधन भरने की समयसीमा पहले चूक गया था। एक लड़ाकू विमान को एफओसी हासिल करना बेहद जरूरी होता है। एचएएल के मुताबिक, ईंधन भरे जाने के दौरान तेजस विमान की रफ्तार 270 नॉट थी। विज्ञप्ति में एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन के हवाले से कहा गया है कि इसके साथ भारत उन देशों के समूह में शामिल हो गया है जिसके पास सैन्य श्रेणी के विमानों के लिए हवा में उड़ान के दौरान ईंधन भरने की प्रणाली है।