राजस्थान : कोरोना ने बदला स्कूलों का गणित, प्राइवेट में कम हुए 21.66 लाख तो सरकारी में बढ़े 11.22 लाख स्टूडेंट्स

कोरोना का दौर जारी हैं जिसमें सबसे व्यापक असर स्कूली शिक्षा पर देखने को मिला जो लंबे समय तक बंद रहने के बाद अब खुले हैं। लेकिन कोरोना के इस दौर में स्कूलों का गणित पूरी तरह से बदल चुका हैं। पिछले तीन साल में सरकारी स्कूलों में 11.22 लाख स्टूडेंट्स का नामांकन बढ़ गया है। उधर, प्राइवेट स्कूलों में पिछले तीन साल में 21.66 लाख स्टूडेंट्स कम हो गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक सरकारी स्कूलों के नामांकन में 13.60% की बढ़ोतरी हुई है। जबकि प्राइवेट स्कूलों 22.39% की कमी हुई है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना काल में लंबे समय तक स्कूल बंद रहे। वही आम आदमी को आर्थिक मंदी का भी सामना करना पड़ा। ऐसे में कई पेरेंट्स ने अपने बच्चों का नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवा दिया।

सरकारी स्कूलों में शिक्षा सत्र 2019 -20 में 82.46 लाख का नामांकन था। जो कि बढ़कर वर्तमान शिक्षा सत्र 2021-22 में 93.68 लाख पर पहुंच गया है। उधर, दो साल पहले तक प्राइवेट स्कूलों में 2019-20 का नामांकन 96.74 लाख के करीब था। वर्तमान शिक्षा सत्र 2021-22 में प्रदेश की प्राइवेट स्कूलों का नामांकन घटकर 75.08 लाख रिकॉर्ड किया गया है।

राज्य के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा में एडमिशन का प्रोसेस पूरा हो गया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षा सत्र 2021-22 में स्कूलों में नामांकन वृद्धि तथा ड्रॉपआउट बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए 9वीं से 12वीं कक्षा में प्रवेश की अंतिम तिथि को 15 अक्टूबर तक बढ़ाया था। आरटीई के तहत कक्षा एक से आठवीं में सत्र पर्यंत प्रवेश होंगे।