स्कूल की लापरवाही से छात्रा का भविष्य लगा दांव पर, कोर्ट ने लगाया 30 हजार का जुर्माना

चंडीगढ़। हाल ही में प्रदर्शित हुई पंकज त्रिपाठी की फिल्म ओएमजी-2 में स्कूल को छात्र के व्यवहार, उसके आचरण और पढ़ाई के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इसी फिल्म के उदाहरण को चंडीगढ़ की एक अदालत ने अपनाते हुए एक स्कूल को छात्र के 12वीं परीक्षा में शामिल नहीं होने के कारण जिम्मेदार ठहराते हुए 30 हजार का जुर्माना लगाया।

हरियाणा में गुरुग्राम के एक स्कूल ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में गलती से एक छात्रा को शून्य नंबर दे दिया। चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्कूल पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। गौरतलब है कि स्कूल की लापरवाही की वजह से दो समान नाम वाली छात्राओं के दसवीं के मार्क्स बदल गए थे। इसके कारण साल 2021 की बोर्ड परीक्षा में एक छात्रा को शून्य नंबर मिला था। गलत नंबर मिलने की वजह से छात्रा 12वीं की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई थी।

न्यायमूर्ति विकास बहल ने सीबीएसई बोर्ड को छात्रा के लिए नई मार्कशीट जारी करने का निर्देश देते हुए कहा, ‘यह ध्यान रखना जरूरी होगा कि स्कूल द्वारा की गई गलती के कारण न केवल याचिकाकर्ता (छात्रा) को नुकसान हुआ है, बल्कि बोर्ड को भी बिना गलती के मुकदमेबाजी का खर्च का नुकसान उठाना पड़ा है।’

स्कूल ने नोटिस को किया अनदेखा

कोर्ट ने यह भी अरोप लगाया, ‘स्कूल ने न केवल कोर्ट के नोटिस को अनदेखा किया है बल्कि याचिका में दिए गए आरोपों का भी खंडन भी नहीं किया।’ कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘याचिकाकर्ता ने कोई मुआवजे की मांग नहीं की है इसलिए अदालत ने लापरवाही के लिए स्कूल पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और इस राशि को बोर्ड में जमा करने का निर्देश देता है। आज से छह सप्ताह के भीतर बोर्ड के पास राशि जमा करने और उसकी रसीद गुरुग्राम डीसी के समक्ष पेश करने का निर्देश भी दिया।’

लड़की की याचिका में क्या था?


छात्रा ने बताया, ‘साल 2021 में कोविड की वजह से सभी स्कूल बंद थे। स्कूल ने इंटरनल असेसमेंट के आधार पर बच्चों के मार्क्स बोर्ड को शेयर किए थे, हालांकि रिया नाम की दो छात्राएं होने की वजह से उनका नंबर बदल गया था और याचिकाकर्ता को जीरो नंबर मिले और जबकि दूसरी छात्रा ने बोर्ड पास होने के बाद स्कूल छोड़ दिया था।’ छात्रा ने कहा कि वह बार-बार स्कूल के चक्कर लगाती रही, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। स्कूल की गलती की वजह से बोर्ड भी संशोधित रिजल्ट जारी नहीं कर पाया था।