'स्टील्थ ओमिक्रॉन' ने बढ़ाई चिंता, 28 से ज्यादा म्यूटेशन, 40 से अधिक देशों में पाया गया, जानें बड़ी बातें

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से पूरी दुनिया में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गए हैं। इस बीच ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के नए सब-स्ट्रेन का पता चला है। इस स्ट्रेन को BA.2 सब-स्ट्रेन या 'स्टील्थ ओमिक्रॉन' कहा गया है और यह अब तक 40 से अधिक देशों में पाया जा चुका हैं। स्टील्थ ओमिक्रॉन ने पूरे यूरोप में और तेज लहर की आशंका पैदा कर दी है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह RT-PCR टेस्ट से भी बच सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट में तीन सब-स्ट्रेन हैं- BA.1, BA.2, और BA.3 जबकि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए ओमिक्रॉन संक्रमणों में BA.1 सब-स्ट्रेन सबसे खास है, लेकिन BA.2 सब-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है। उदाहरण के लिए, 20 जनवरी को डेनमार्क ने बताया कि देश के करीब आधे एक्टिव केस के लिए BA.2 सब-स्ट्रेन ही जिम्मेदार है। यूके के स्वास्थ्य अधिकारियों ने BA.2 को 'variant under investigation' कहा है, जो कि 'variant of concern' घोषित किए गए स्ट्रेन से ही बना है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, भले ही BA.2 सब-स्ट्रेन BA.1 के साथ 32 स्ट्रेन साझा करता है, लेकिन इसमें 28 से ज़्यादा यूनिक म्यूटेशन हो सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि BA.1 में एक म्यूटेशन है- 'S' या स्पाइक जीन में डिलीशन- जो पीसीआर टेस्ट में दिखाई देता है, उससे ओमिक्रॉन का पता लगना आसान हो जाता है। दूसरी ओर, BA.2 में इस तरह का म्यूटेशन नहीं होता, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

ब्रिटेन और डेनमार्क के अलावा, स्वीडन, नॉर्वे और भारत में BA.2 सब-स्ट्रेन के मामलों का पता चला है। भारत और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने इस सब-स्ट्रेन के बारे में चेतावनी की भी जारी की है कि इसके BA.1 सब-स्ट्रेन से आगे निकलने का डर है। ब्रिटेन ने 10 जनवरी तक BA.2 सबलाइन के 53 सीक्वेंस की पहचान की थी।

BA.2 सबलाइन में स्पाइक में डिलीशन नहीं है, इससे RT-PCR टेस्ट के लिए इस्तेमाल की जा रही ज़्यादातर PCR किटों में इसका पता नहीं चलता है। इस बात के प्रमाण हैं कि BA.1 की तुलना में BA.2 तेजी से बढ़ रहा है।