अयोध्या केस पर Ayodhya Ram Mandir सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन महीने के लिए टल गई है। चीफ जस्टिस ने साफ कर दिया है कि इस मामले पर जल्द कोई सुनवाई नहीं होगी। यानी देश चुनाव की दहलीज पर होगा और अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई का काम आगे बढ़ाएगा। सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ की बेंच ने इस मामले को अगले साल जनवरी के लिए टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट अब जनवरी में मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा। दरअसल, इलाहबाद हाइकोर्ट ने 2010 में विवादित 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षकारों भगवान रामलला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का फ़ैसला सुनाया था। जिसके विरोध में कई पक्षों की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। आपको बता दें कि इन दिनों अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मसला (Ram Mandir) गर्माया है। भाजपा के तमाम सहयोगी पार्टी पर मंदिर निर्माण के लिए दबाव डाल रहे हैं और अन्य विकल्पों पर भी विचार करने को कह रहे हैं। गौरतलब है कि पहले इस मामले की सुनवाई पूर्व मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ कर रही थी। जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद बेंच बदल दी गई। सोमवार को टली इस सुनवाई और अयोध्या मामले पर कई नेताओं ने अलग-अलग बयान दिए हैं।
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद भी बोलेबीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि बहुत लोग चाहते हैं कि अयोध्या मामले पर तुरंत सुनवाई हो। हम राम मंदिर को चुनाव से जोड़कर नहीं देखते।
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को दी चुनौतीअगर केंद्र सरकार अयोध्या मामले पर अध्यादेश लाती है तो फटकार पड़ेगी। सरकार मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाकर दिखाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना पड़ेगा। फैसले का विरोध करना ठीक नहीं है। देश मर्जी से नहीं बल्कि संविधान से चलता है।
गद्दारी कर रहे हैं मुस्लिम : हरिओम पांडेयबीजेपी सांसद ने फैसला लिया है कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे। पांडेय ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज के लोग मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छा से जमीन नहीं दे रहे हैं तो वह देश से गद्दारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में ही भगवान राम का जन्म हुआ था। इतिहासकार भी इसका प्रमाण दे चुके हैं। ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग न जाने किस हद से इस जमीन पर अपना दावा पेश कर रहे हैं।
कांग्रेस के दबाव में लिया फैसला : विनय कटियारबीजेपी नेता विनय कटियार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस के दबाव में लिया फैसला बताते हुए कहा कि 'बर्दाश्त की भी सीमा होती है, आखिर कब तक हमें राम मंदिर के निर्माण का इंतजार करना होगा।' उन्होंने आगे कहा कि 'जिस तरह से कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने जो बयान दिया है उससे साफ जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस के दबाव में आकर काम कर रही है और इसी का नतीजा है कि सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी गई है।'
सुनवाई टलना दुखद : केशव प्रसाद मौर्ययूपी के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य ने भी राम मंदिर पर सुनवाई टलने को लेकर नाराजगी जाहिर की है और अयोध्या मामले पर सुनवाई टलने को एक बुरा संदेश बताया है। उन्होंने कहा कि सुनवाई की तारीखें अगर तय हो जाती तो अच्छा रहता।
बीजेपी उछालती है मुद्दा : चिदंबरमकांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा 'यह एक जानी पहचानी कहानी है। हर पांच साल में चुनावों के पहले बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को उछालती है। अयोध्या मामले पर कांग्रेस का रुख यही है कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। हम सभी को इंतजार करना चाहिए।