श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट: 5 भारतीय समेत 290 की मौत, 13 प्वाइंट में जानें कैसे धमाकों से दहला कोलंबो

श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल ब्लास्ट में अब तक 5 भारतीयों समेत 290 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि करीब 500 अन्य लोग घायल हो गये। श्रीलंका में आतंकियों ने कल ईस्टर संडे के मौके पर 3 चर्च और 5 होटलों को निशाना बनाया था। मारे गये लोगों में 35 से ज्यादा विदेशी नागरिक भी शामिल है। दरअसल यह धमाका उस समय हुआ, जब ईस्टर की प्रार्थना के लिए लोग चर्च में एकत्रित हुए थे। चर्च के बाहर भीड़ थी। धमाके में कई विदेशी नागरिकों की मौत हुई है। सीरियल बम धमाकों को देखते हुए रविवार को कर्फ्यू लगा दिया गया था। मगर अब सुबह 6 बजे इस कर्फ्यू को हटा दिया गया है। इतना ही नहीं, श्रीलंका ने सोशल मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे फर्जी खबरों पर रोक लगाई जा सके। हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई सूचना नहीं है। वहीं सोमवार की सुबह कोलंबो एयरपोर्ट पर बम मिले, जिसे एयरफोर्स ने निष्क्रिय कर दिया। पुलिस ने कहा कि अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

- लिट्टे के साथ खूनी संघर्ष के खत्म होने के बाद करीब एक दशक से श्रीलंका में जारी शांति भी इस घटना से भंग हो गयी। पुलिस के प्रवक्ता रूवन गुणशेखरा ने बताया कि यह श्रीलंका में हुए अब तक के सबसे खतरनाक हमलों में से एक है। ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह 8:30 बजे के करीब ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी गिरजाघर, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन गिरजाघर और बट्टिकलोवा के जियोन गिरजाघर में हुए। कोलंबो के तीन पांच सितारा होटलों-शांगरी ला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी को भी निशाना बनाया गया। गुणशेखरा ने धमाकों में 207 लोगों की मौत की पुष्टि की। हालांकि स्थानीय समाचार चैनल न्यूज फर्स्ट के मुताबिक मृतकों की संख्या 290 है।

- कोलंबो पुलिस ने 10 दिन पहले ही हमले की चेतावनी दी थी कि विदेशी खुफिया एजेंसी ने रिपोर्ट दी थी है कि नेशनल तोहीद जमात नाम का संगठन आत्मघाती हमले को अंजाम दे सकता है। वहां के सीनियर अधिकारियों को यह चेतावनी पुलिस चीफ पूजुथ जयसुंद्रा ने 11 अप्रैल को दी थी। अपनी तरफ से भेजे गए अलर्ट में जयसुंद्रा ने लिखा था, 'विदेशी खुफिया विभाग ने जानकारी दी है कि एनटीजी (नैशनल तोहिथ जमात) नाम का संगठन सुइसाइड हमलों की तैयारी कर रहा है।' हालांकि इस मामले में खुफिया एजेंसियों का शक कई और संगठनों पर भी है, लेकिन शक के दायरे में पहले नंबर पर तोहिथ जमात ही है। आत्मघाती बम का आविष्कार दशकों पहले तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स द्वारा किया गया था, लेकिन रविवार को श्रीलंका में जो हमले हुए वे इस्लामिक संगठनों द्वारा कराए जाने का प्रमाण दे रहे हैं। श्रीलंका तोहिथ जमात (SLTJ) हमेशा से ही वहाबी प्रचार और प्रसार के लिए जाना जाता रहा है। उसका खिंचाव देश के पूर्वी प्रांत की तरफ ज्यादा पाया गया है। वह वहां कट्टरपंथी संदेशों के प्रसार के लिए महिलाओं के लिए बुर्का और मस्जिदों के निर्माण के साथ शरिया कानून को आगे बढ़ाने में लगा है।

- बम विस्फोट की शुरुआत सुबह 8:30 बजे कोलंबो स्थित कोच्चिकाडे के सेंट एंथनी चर्च से शुरू हुई, जहां सैकड़ों लोग ईस्टर की प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए थे। इसके बाद पांच और शक्तिशाली विस्फोट हुए, जिनके जरिए तीन आलीशान होटलों और यहां से 30 किलोमीटर दूर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्तियन चर्च, और कोलंबो से पूर्व 250 किलोमीटर दूर बट्टीकलोवा में स्थित जियॉन चर्च को निशाना बनया गया।

- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका में रविवार को हुए सिलसिलेवार धमाकों की निंदा करते हुए कहा कि क्षेत्र में बर्बरता के लिए कोई स्थान नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस द्वीप राष्ट्र की जनता के साथ है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया,‘श्रीलंका में हुए भयावह विस्फोटों की निंदा करता हूं। हमारे क्षेत्र में इस प्रकार की बर्बरता के लिए कोई स्थान नहीं है।' उन्होंने कहा कि भारत एकजुटता से श्रीलंका के लोगों के साथ है। पीएम मोदी ने कहा मारे गए लोगों के परिजन के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं तथा घायलों के लिए हमारी प्रार्थनाएं हैं।

- श्रीलंका के आर्थिक सुधार एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री हर्षा डी सिल्वा ने कहा, ‘बेहद भयावह दृश्य। मैंने लोगों के शरीर के अंग इधर-उधर बिखरे देखा।’ श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। भारतीय दूतावास की ओर से ट्वीट किया गया है, जिसमें लिखा है 'कोलंबो और बट्टीकालोआ में धमाके की खबरे हैं। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मदद या किसी जानकरी के लिए भारतीय नागरिक इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं: +94777903082 +94112422788 +94112422789। श्रीलंका के नंबरों के अलावा इन भारतीय नंबरों पर भी संपर्क कर सकते हैं: +94777902082 +94772234176 ।

- श्रीलंका के पर्यटन विभाग के चेयरमैन किशु गोम्स ने बताया कि इन धमाकों में 33 विदेशी नागरिक मारे गये हैं। ऐसा माना जा रहा है कि किसी एक संगठन ने ही इन धमाकों को अंजाम दिया है। नेशनल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। अनिल जयसिंघे ने 33 में से 12 विदेशी नागरिकों की पहचान की है जिनमें भारत के तीन, चीन के दो तथा पोलैंड, डेनमार्क, जापान, पाकिस्तान, अमेरिका, मोरक्को और बांग्लादेश के एक-एक नागरिक शामिल हैं।

- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर तीन भारतीयों की पहचान लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश के तौर पर की है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने जानकारी दी है कि नेशनल हॉस्पिटल ने उन्हें तीन भारतीयों की मौत के बारे में सूचित किया है।” इन धमाकों में भारतीय लोगों समेत करीब 500 लोग घायल हुए हैं।

- रविवार को हुए इन धमाकों की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है। गुणशेखरा ने संवाददाताओं को बताया, पुलिस फिलहाल इस बात की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं है कि क्या सभी हमले आत्मघाती थे। हालांकि उन्होंने कहा कि नेगोम्बो गिरजाघर में हुए बम धमाके से आत्मघाती हमले के संकेत मिलते हैं।

- कहा जा रहा है कि कोलंबो में बंडारानायके इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास भी एक बम मिला था, लेकिन बम निरोधक दस्ते ने उसे डिफ्यूज कर दिया था। श्रीलंका एयरफोर्स के अधिकारियों ने जांच के बाद बताया है कि आईईडी की मदद से हमले में इस्तेमाल किए गए बम श्रीलंका में ही बनाए गए थे।

- श्रीलंका में ये सीरियल बम धमाके ठीक उसी तरह किए गए हैं जैसे कि 2016 में ढाका में होली आर्टिशन बेकरी पर आत्मघाती हमला किया गया था। उस हमले में स्थानीय लड़कों की संलिप्तता पायी गई थी, लेकिन उन्हें ट्रेनिंग आईएस (इस्लामिक स्टेट) ने दी थी। अब तौहिथ जमात आत्मघाती हमलों में शामिल है या नहीं, इसे लेकर अभी स्थित साफ नहीं है। पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही स्थिति साफ होगी। लेकिन इतना जरूर है कि अब जिहादी आतंकवाद श्रीलंका में भी अपने पैर पसार चुका है। चूंकि इस हमले को अंजाम देने के लिए ईस्टर जैसे पवित्र पर्व को चुना गया और उसमें गिरजाघरों को निशाना बनाया गया, इसलिए साफ है कि इसमें निशाना ईसाई धर्म के लोग ही थे और इससे किसी बड़े इस्लामिक जिहाद के भी संकेत नहीं मिलते। शुरुआती आकलन से लग रहा है कि हमले के पीछे लंका के कट्टरपंथी मुसलमान हो सकते हैं। लेकिन आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञों का कहना है कि जिस स्तर के अटैक किए गए हैं उस स्तर के अटैक किसी स्थानीय समूह द्वारा बिना किसी बाहरी फोर्स की मदद के अंजाम दिए जाने मुश्किल हैं।

- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, 'भारतीय उच्चायोग ने कोलंबो में बताया कि नेशनल हॉस्पिटल ने उन्हें तीन भारतीय नागरिकों की मौत की सूचना दी है। उनके नाम लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश हैं। हम आगे के विवरणों के बारे में पता लगा रहे हैं।'

- श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से अप्रत्याशित घटना से सदमे में हूं। सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।'' प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इसे ‘‘कायराना हमला'' बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘‘स्थिति को नियंत्रण'' में करने के लिए काम कर रही है।

- बम धमाकों से जुड़े अब तक 13 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि बरामद की गई वैन हमले में शामिल आतंकियों के ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल की गई थी। श्रीलंका में हालात को देखते हुए पूरी रात कर्फ्यू लगाया गया। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया। आज पूरे श्रीलंका में छुट्टी घोषित की गई है।