अफगानिस्तान की सत्ता अब तालिबान के हाथों में, मुल्ला बरादर ने कहा - उम्मीद नहीं थी इतनी आसान जीत मिलेगी

अफगानिस्तान (Afghanistan) में फिर से तालिबान (Taliban) का युग लौट आया है। छोटे से वक्त में ही इस आतंकी संगठन ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया।

राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने अपने कुछ करीबियों के साथ देश छोड़ दिया। तालिबान के नेता राष्ट्रपति भवन में बैठकर चैनलों को इंटरव्यू दे रहे हैं। उनका दावा है कि राष्ट्रपति गनी 50 लाख डॉलर कैश ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ये पैसा राष्ट्रपति महल के हेलीपैड पर ही रह गया।

तालिबान ने राष्ट्रपति भवन (अर्ग) पर भी कब्जा कर लिया। देर रात कुछ वीडियोज भी सामने आए। इनमें तालिबान काबुल की सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं।

इतनी आसान जीत मिलेगी

तालिबान नेता मुल्ला बरादर का बड़ा बयान सामने आया। उसने कहा- सभी लोगों के जान-माल की रक्षा की जाएगी। अगले कुछ दिनों में सब नियंत्रित कर लिया जाएगा। हमने सोचा नहीं था कि इतनी आसान और इतनी जल्दी जीत मिलेगी। अगले कुछ दिनों में सभी चीजें सामान्य हो जाएंगी। देश में अमन बहाली के लिए एक समन्वय परिषद बनाई गई है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई इसकी अगुवाई करेंगे। इसमें अफगानिस्तान के मौजूदा सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला और जिहादी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार भी होंगे। न्यूज एजेंसी ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से कहा है कि यह संगठन बहुत जल्द राष्ट्रपति भवन से इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान का ऐलान कर सकता है।

मुल्ला शीरीन बने काबुल के गर्वनर

तालिबान ने मुल्ला शीरीन को काबुल का गवर्नर बनाया है। वो तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के करीबी थे और उनके सुरक्षा गार्ड भी रह चुके हैं। वो कंधार के हैं और पुराने तालिबानी हैं। सोवियत संघ के खिलाफ भी लड़ चुके हैं। तालिबान की लड़ाका यूनिटों के सबसे प्रमुख लोगों में से हैं। मुल्ला शीरीन को युद्ध विशेषज्ञ माना जाता है। मौजूदा तालिबान के सबसे प्रमुख लोगों में हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन पर साधा निशाना

अफगानिस्तान संकट को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि काबुल का तालिबान के हाथ में जाना, अमेरिका के इतिहास में बड़ी हार के तौर पर दर्ज होगी। ट्रंप ने काबुल में राष्ट्रपति पैलेस पर तालिबान के कब्जे और अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने की खबर के बाद यह बात कही।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में हालात और बुरे हो गए हैं। अफगानिस्तान से निकलने का सिर्फ एक रास्ता काबुल एयरपोर्ट ही बचा है। लोग देश छोड़ने के लिए भाग रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल था। इस दौरान फायरिंग होने से भगदड़ मच गई। भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है।

अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए काबुल एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल को टेक ओवर करने की घोषणा की है। इसके लिए वह करीब 6000 जवानों को तैनात करेगा।

इस बीच, तालिबान ने एक बयान जारी कर विदेशी नागरिकों और दूतावासों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। बयान में कहा गया है- हम सभी दूतावासों, राजनयिक केंद्रों और विदेशी संस्थानों और नागरिकों को भरोसा देते हैं कि उन्हें कोई खतरा नहीं है।

काबुल के सभी लोगों के ये भरोसा रखना चाहिए कि इस्लामी अमीरात के बलों को सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। काबुल और सभी दूसरे शहरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।