तालिबान के खौफ से देश छोड़ रहे लोग, काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का शासन हो गया है। रविवार को तालिबानी लड़ाकों ने राजधानी काबुल को भी कब्जे में ले लिया। राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का झंडा लहराने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने इस्तीफे की घोषणा कर दी और देश छोड़ दिया। उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने भी अपने कुछ करीबियों के साथ देश छोड़ दिया है

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में हालात बिगड़ते जा रहे है। अफगानिस्तान से निकलने का सिर्फ एक रास्ता काबुल एयरपोर्ट ही बचा है। लोग देश छोड़ने के लिए भाग रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल था। इस दौरान फायरिंग होने से भगदड़ मच गई। भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। फिलहाल अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है और 6000 सैनिक उतारने की तैयारी में है।

नागरिकों को डर है कि तालिबान सरकार फिर से क्रूर शासन लागू कर सकती है, जिससे महिलाओं के सभी अधिकार खत्म हो जाएंगे। लोग बैंकों में जमा अपने जीवनभर की कमाई निकालने के लिए एटीएम मशीनों के बाहर खड़े हैं।

उधर, तालिबान ने एक बयान जारी कर विदेशी नागरिकों और दूतावासों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। बयान में कहा गया है- हम सभी दूतावासों, राजनयिक केंद्रों और विदेशी संस्थानों और नागरिकों को भरोसा देते हैं कि उन्हें कोई खतरा नहीं है।

काबुल के सभी लोगों के ये भरोसा रखना चाहिए कि इस्लामी अमीरात के बलों को सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। काबुल और सभी दूसरे शहरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

'देश नहीं छोड़ता तो बर्बाद हो जाता काबुल'

उधर, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देर रात फेसबुक पर पोस्ट कर देश छोड़ने की वजह बताई। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि उन्होंने “खून-खराबे” से बचने के लिए अपना देश छोड़ दिया है। गनी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि अब तालिबान जीत चुका है। अब वह अफगान के लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि उनके देश छोड़ने की वजह थी कि अगर वो अफगानिस्तान में रुकते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते और इस बीच कई लोगों की जान जाती, साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता।

गनी ने लिखा कि तालिबानी आतंकियों की वजह से उन्हें अपने प्रिय देश को छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा मैंने पिछले 20 वर्षों से इस देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने “तलवार और बंदूकों का के बल पर भले ही काबुल जीत लिया है, लेकिन वह अफगान लोगों का दिल नहीं जीत सका।