उत्तर प्रदेश : 21 महीने बाद हुआ पिता की हत्या के ड्रामे का खुलासा, बेटे ने रची थी विरोधियों को फंसाने के लिए साजिश

किसी भी घटना को अवसर में तब्दील करने की कला आपको सफलता दिला सकती हैं। लेकिन इस कला का गलत काम में किया गया उपयोग सही नहीं हैं जिसके परिणाम भी उचित नहीं होते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला आगरा सिकंदरा के गांव लोहकरेरा में जहां एक पुत्र ने अपनी ही पिता की हत्या का ड्रामा किया और अपने विरोधियों को फंसाने के लिए साजिश रची। इस साजिश का खुलासा 21 महीने बाद हुआ हैं।

गांव के किसान राजाराम का शव पेड़ से फांसी पर लटका मिला था। आठ लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया गया था। मगर, पुलिस ने जांच की तो हत्या का मामला नहीं निकला। करंट से मौत होने पर किसान के बेटे ने साजिश की। गांव के लोगों से रंजिश में बदला लेने के लिए शव को फांसी पर लटका दिया। हत्या का झूठा आरोप लगाया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया।

घटना 12 नवंबर 2018 की है। गांव लोहकरेरा में किसान राजाराम का शव पेड़ से लटका मिला था। इस पर पुलिस पहुंची थी। परिजनों ने गांव के ही गजराज, अजीत, हीरा सहित आठ लोगों पर मारपीट कर करंट लगाने और फांसी पर लटकाने का आरोप लगाया था।

इस मामले में पुलिस ने जांच की। मृतक के बेटे रामकुमार का आरोप था कि रंजिश में हत्या की गई है। हत्या को आत्महत्या दर्शाने के लिए शव को फांसी के फंदे पर लटकाया गया है। पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाया था। घटनास्थल के पास ही बने ट्यूबवेल में करंट आ रहा था। इस पर पुलिस को शक हो गया। आरोपी अपने गांव में ही मिल गए।

सुराग: पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बढ़ा पुलिस का शक

थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण करंट लगने से आया। फांसी लगने से मौत नहीं हुई थी। न ही मारपीट की गई थी। करंट लगाने के लिए पहले मारपीट होनी चाहिए थी। घटनास्थल पर पहुंचे लोगों के बयान दर्ज किए गए। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने भी जांच की थी। इसमें पाया गया कि रात में ट्यूबवेल में करंट आ रहा था। राजाराम खेत में पानी लगा रहे थे।

उनको करंट लग गया, जिससे मौत हो गई। राजाराम के बेटे रामकुमार का कुछ दिन पहले गांव के गजराज सहित अन्य से झगड़ा हो गया था। वह इसी झगड़े का बदला लेना चाहता था। इसलिए पिता की मौत के बाद अपने चाचा बलराम के साथ झूठी कहानी बनाई। उनके साथ मिलकर नीम के पेड़ से शव को फांसी पर लटका दिया।

स्वतंत्र गवाहों ने हकीकत पुलिस के सामने रख दी। वादी से सख्ती से पूछताछ करने पर मामला खुल गया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बलराम फरार हो गया। केस को धारा 194 में तरमीम किया गया। इसके बाद आरोपी पर कार्रवाई की गई।

रंजिश का बदला लेना चाहता था रामकुमार

थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि राजाराम की मौत के मामले में बेटे रामकुमार की तहरीर पर अजीत, गजराज, टंपू, उदय, देवी सिंह, छत्तर सिंह, राजवीर निवासी लोहकरेरा और बेनामी निवासी मथुरा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस को घटना वाले दिन आरोपी अपने घरों पर ही मिले। इसके अलावा गांव के लोगों ने भी उनके खिलाफ किसी तरह का बयान नहीं दिया। खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलने पर विवेचना के दौरान नाम निकाल दिया गया।