हमारे देश में एक महान व्यक्ति पैदा हुआ था, जिसका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। हम बात कर रहे हैं भारत के 11वें राष्ट्रपति रह चुके डॉ अब्दुल कलाम की, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। अपने राष्ट्रपति पद के साथ कलाम साहब को इंजिनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, लेखक के रूप में भी जाना जाता हैं। लेकिन राष्ट्रपति पद पर आकर उन्होंने युवाओं को एक नई सोच और दिशा दी हैं। आज हम आपको उनके राजनितिक जीवन के बारे में बताने जा रहे हैं।
वैज्ञानिक के साथ-साथ डॉ कलाम ने राजनीति में भाग्य अजमाया और वे भारत के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। 18 जुलाई 2002 को कलाम को 90% बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुन लिया गया तथा 25 जुलाई को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गयी। इस समारोह में उस समय के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी और मंत्रीमंडल के लोग व कुछ गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
राष्ट्रपति के तौर पर कलाम का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हुआ था। अब्दुल कलाम बहुत ही अनुशासित रहते थे। डॉ कलाम शाकाहारी थे। डॉ कलाम एक अच्छे लेखक भी हैं, इन्होंने कई जीवनियाँ और पुस्तकें भी लिखी हैं। इनकी एक जीवनी हैं ” विंग्स ऑफ फायर ” जो भारतीय युवा शक्तियों के मार्गदर्शन के ऊपर इन्होंने लिखी हैं। डॉ कलाम ने तमिल भाषाओं में कविताएँ भी लिखी हैं, इनकी पुस्तकों की देश ही नहीं विदेशों में भी काफी मांग हैं।
वैसे तो डॉ कलाम राजनितिक क्षेत्र वाले इंसान नहीं हैं लेकिन राष्ट्रवादी सोच और राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के कल्याण सम्बन्धी नीतियों के कारण इन्हें संपन्न माना जाता हैं। इन्होंने अपनी पुस्तक ” India 2020 में अपना नजरिया पेश किया था और भारत को अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया का सिरमौर राष्ट्र बनते देखना चाहते थे। वे हर समय भारत को परमाणु हथियारों के क्षेत्र में सुपर पावर देखना चाहते थें