पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में इस सीजन की पहली हिमपात देखने को मिली हालांकि निचले स्थानों पर मौसम साफ रहा। केदारनाथ धाम में मेरू-सुमेरू पर्वत श्रृंखलाओं के साथ ही दुग्ध गंगा की ऊपरी पहाड़ियों पर भारी हिमपात हुआ है। बृहस्पतिवार को शाम पांच बजे के बाद केदारनाथ मंदिर के पीछे की तरफ चोराबाड़ी क्षेत्र से लगे हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं में तेज हिमपात शुरू हो गया था। दुग्ध गंगा व वासुकीताल के ऊपरी क्षेत्रों में रात आठ बजे बाद भी हिमपात होता रहा। इस दौरान क्षेत्र में घना कोहरा छाया रहा। केदारनाथ पुलिस चौकी प्रभारी बिपिन चंद्र पाठक ने बताया कि केदारनाथ के ऊपरी क्षेत्रों में सीजन का पहला तेज हिमपात हुआ है। हिमपात के कारण लोगों के बीच सर्दी का एहसास होने लगा है। देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को गढ़वाल में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। वहीं 23 और 24 सितंबर को प्रदेश में भारी बारिश की आशंका जताई है।
गुरुवार को निचले इलाकों में तापमान में थोड़ी कमी देखने को मिली। दूसरी ओर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री व हेमकुंड साहिब में दोपहर तक धूप खिली हुई थी, लेकिन दोपहर बाद एकाएक मौसम बदल गया। तेज बौछारों के साथ ही चोटियों पर हिमपात शुरू हो गया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को ओडिशा और आंध्रप्रदेश के लिए चक्रवाती तूफान की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने एक बयान में कहा कि अगले कुछ घंटे के दौरान बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और पूर्वी-मध्य के ऊपर बनने वाला दबाव चक्रवाती तूफान का रूप धारण कर सकता है।
मौसम विभाग के ने कहा, 'पश्चिम-मध्य और इससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में बना दबाव का क्षेत्र बीते छह घंटों में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम दिशा की ओर पहुंच गया है। यह गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है और तटीय आंध्रप्रदेश के कलिंगापतनम के 310 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व और ओडिशा के गोपालपुर से करीब 300 किलोमटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में केंद्रित है।' मौसम विभाग ने आगे बताया कि आंध्र प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी मध्य और इससे जुड़े पूर्वी मध्य हिस्से में बना दबाव तेजी से आगे बढ़ रहा है।