स्मोक अटैक मामले में हुई छठी गिरफ्तारी, जाँच टीम ने बरामद किए जले हुए मोबाइल के अवशेष, आरोपियों के कपड़े और जूते

नई दिल्ली। संसद पर स्मोक अटैक मामले में दिल्ली पुलिस ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां कर रही है। इसी मामले में शनिवार को अब इस कांड का छठां आरोपी भी गिरफ्तार हुआ है। इसकी पहचान महेश कुमावत के तौर पर हुई है। दिल्ली पुलिस के अफसरों ने इसकी पुष्टि की है और बताया है कि महेश भी पूरी साजिश का हिस्सा था। घंटों चली पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई है। इस मामले अब तक कुल 6 गिरफ्तारी हो चुकी है। इस बीच जांच टीम ने जले हुए मोबाइल के अवशेष, आरोपियों के कपड़े और जूते भी बरामद कर लिए हैं।

महेश कुमावत को गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने कुमावत को सात दिनों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस ने 15 दिनों की रिमांड मांगी थी।

पुलिस ने बताया कि महेश पिछले 2 सालों से दूसरे आरोपियों से जुड़ा हुआ था और वह साजिश का हिस्सा था। लगभग सभी बैठकों में उसने भाग लिया। वह मुख्य आरोपी ललित झा के साथ मोबाइल फोन और सबूत नष्ट करने में सक्रिय रूप से शामिल है।

जांच टीम ने महेश का इंस्टाग्राम डिकोड कर कई खुलासे किए हैं। महेश पर युवाओं को भड़काने के साथ-साथ वीडियो के जरिए उनका ब्रेन वॉश करने का आरोप है। वह अपने इंस्टाग्राम पर क्रांतिकारियों की तस्वीरें लगाता था।

राजस्थान के नागौर जिले का निवासी महेश भी 13 दिसंबर को दिल्ली आया था। इसी दिन दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए। वहां उन्होंने धुआं फैला दिया और फिर अगले ही पल इस कांड से पूरे देश में हड़कंप मच गया। राजस्थान में महेश के ठिकाने पर ही मुख्य साजिशकर्ता ललित झा घटना के बाद दिल्ली से भाग गया था। पुलिस सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि शुरुआत में गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के मोबाइल फोन नष्ट करने में महेश भी ललित के साथ शामिल था।


यह भी सामने आया है कि, महेश नीलम देवी के भी लगातार संपर्क में था। नीलम को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। जबकि साजिश में शामिल उसके साथ के अन्य लोग, ललित और महेश दोनों ने गुरुवार को नई दिल्ली इलाके के पुलिस स्टेशन में एक साथ सरेंडर किया था। ललित की गिरफ्तारी शुक्रवार को दर्ज की गई। महेश के चचेरे भाई कैलाश से भी पूछताछ की गई, लेकिन पुलिस ने अब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया है।

बता दें कि, संसद में स्मोक अटैक 13 नवंबर को हुआ था। इस दौरान शीतकालीन सत्र चल रहा था। इसी दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए। उन्होंने वहां पीला धुआं फैला दिया और नारे भी लगाए। सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय, दो अन्य लोग अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर तानाशाही नहीं चलेगी चिल्लाते हुए भी पीला धुआं छोड़ा। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर आतंकवाद का आरोप लगाया गया है।

पूछताछ के बाद पुलिस ने कहा कि आरोपी सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए मजबूर करने के लिए देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे। पुलिस ने कहा कि अधिकारी हमले के पीछे के वास्तविक मकसद और उसके किसी अन्य दुश्मन देश के साथ-साथ आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध की जांच कर रहे हैं।