लखनऊ। यूपी के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में जांच तेज हो गई है। हादसे के बाद से ही सीएम योगी खुद इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। वहीं अब इस मामले में एसआईटी ने शासन को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। बता दें कि सीएम ने 24 घंटे में ही जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था, लेकिन राहत और बचाव कार्य के अलावा सीएम के हाथरस दौरे की वजह से एसआईटी ने अतिरिक्त समय की मांग की थी। वहीं अब एसआईटी ने आज जांच रिपोर्ट सौंपी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने हादसे का कारण जानने के लिए SIT का गठन किया था। ऐसे में एसआईटी ने हाथरस हादसे की जांच रिपोर्ट आज शासन को सौंप दी है। एडीजी आगरा व अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में इस हादसे की जांच की जा रही है। जांच में डीएम-एसएसपी सहित 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। दो जुलाई की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया था। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ व मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी का जिम्मा देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की गई, जिसमें सबसे बड़ा सवाल हादसे के मूल कारण और लापरवाही व अनदेखियों को उजागर करना है।
एसआईटी ने बताई हादसे की वजहशुरुआती जानकारी में SIT ने आयोजकों की बड़ी लापरवाही को हादसे का कारण बताया है। इसमें आयोजकों की तरफ से प्रॉपर इंतजाम ना करना और हादसे के बाद भी उसको छिपाने जैसी बातों का जिक्र किया गया है। हालांकि यह रिपोर्ट बुधवार को ही देनी थी, लेकिन राहत और बचाव कार्य जारी रहने के साथ ही बुधवार को मुख्यमंत्री के हाथरस दौरे की वजह से जांच पूरी नहीं हो सकी। अधिकारियों ने जांच के लिए तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगा था, जिसके बाद आज जांच रिपोर्ट सौंपी गई है। इसमें घटनास्थल पर तैनात एक-एक पुलिसकर्मी व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसएसपी आदि तमाम लोगों के बयान शामिल हैं।