देश में टीकाकरण अभियान पर पड़ेगा असर, SII के CEO ने कहा - भारत में 2-3 महीने और रहेगी वैक्सीन की किल्लत

बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ देश वैक्सीन की कमी भी झेल रहा है। ऐसे में ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्‍सीन कोवीशील्ड बनाने वाली पुणे की कंपनी सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि भारत को अगले कुछ महीनों तक वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि 10 करोड़ वैक्सीन निर्माण की क्षमता जुलाई से पहले नहीं बढ़ने वाली है। आपको बता दें कि भी 6 से 7 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है।

फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उन्होंने ऑर्डर की कमी के कारण पहले क्षमता का विस्तार नहीं किया था। इस कारण से वैक्सीन की कमी का संकट जुलाई के तक जारी रहेगी।

अधिकारियों को जनवरी में दूसरी लहर की उम्मीद नहीं थी

उन्होंने कहा, 'कोई ऑर्डर नहीं था। हमें नहीं लगता था कि हमें एक साल में 100 करोड़ से अधिक खुराक बनाने की जरूरत है।' उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को जनवरी में दूसरी लहर की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने आगे कहा, 'हर कोई वास्तव में महसूस कर रहा था कि भारत में महामारी खत्म होने के कगार पर थी।'

पिछले महीने, केंद्र सरकार ने क्षमता विस्तार की सुविधा के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को 3,000 करोड़ रुपये एडवांस दिए।

आपको बता दें कि भारत में टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी। केंद्र सरकार ने शुरू में SII से 2.1 करोड़ टीके मंगवाए थे। मार्च में जब मामले बढ़ने लगे तो अतिरिक्त 11 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया गया था।

आपको बता दे, दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बनाती है जिसे स्थानीय रूप से कोविशिल्ड ब्रांड नाम से वितरित किया जाता है। केंद्र सरकार ने अब तक इसका पूरा उत्पादन खरीदा है, लेकिन इस महीने की शुरुआत में राज्यों और निजी अस्पतालों को भी वैक्सीन खरीदने की अनुमती दी गई है।

सरकार ने 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है। हालांकि टीके की कमी के कारण फिलहाल प्रभावी ढंग से इसकी शुरुआती नहीं हो सकती है। एक मई को सिर्फ 18 लाख लोगों का टीकाकरण संभाव हुआ था। आपको बता दें कि भारत में अब तक करीब 16 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। यह देश की आबादी का सिर्फ 12% है। हालांकि दूसरी डोज लेने वालों की संख्या काफी कम है। यह सिर्फ दो प्रतिशत है।

पूनावाला ने कहा कि राजनेताओं और आलोचकों ने टीके की कमी के लिए एसआईआई को दोषी ठहराया है, लेकिन वैक्सीन नीति सरकार द्वारा बनाई गई थी।

शक्तिशाली नेता और बिजनेसमैन फोन पर धमका रहे है

आपको बता दे, अदार पूनावाला ने लंदन में टाइम्स UK को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत के शक्तिशाली नेता और बिजनेसमैन उन्हें फोन पर धमका रहे हैं। इनमें कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। सभी कोवीशील्ड की सप्लाई तुरंत करने की मांग कर रहे हैं।

पूनावाला ने कहा, 'यह दबाव ही मुख्‍यत: इसका कारण है कि मैं अपने परिवार के साथ भारत छोड़कर लंदन में रह रहा हूं। मैं लंदन में बढ़ी हुई अवधि में रह रहा हूं क्‍योंकि मैं फिर उन हालात में नहीं जाना चाहता। सबकुछ मेरे कंधों पर आएगा। लेकिन मैं इसे अकेले नहीं कर सकूंगा।'

पूनावाला ने फोन कॉल का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों का इस तरह धमकी देना समझ से परे है। उन्होंने आगे कहा कि फोन करने वाले कहते हैं कि अगर हमें वैक्सीन नहीं दोगे तो अच्छा नहीं होगा। ये बात करने का तरीका नहीं है, ये सीधे तौर पर धमकी है। वे समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी तो क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के कारण ही हम अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'वैक्सीन सप्लाई को लेकर मुझ पर भारी दबाव डाला जा रहा है। उम्मीद नहीं थी कि लोग इतनी ज्यादा अपेक्षा करने लगेंगे। सभी चाहते हैं कि उन्हें पहले वैक्सीन मिले। उन्हें लगता है कि उनसे पहले किसी और को वैक्सीन नहीं मिलना चाहिए।'

राज्यों के लिए घटाई कीमत

आपको बता दे, सीरम इंस्टीट्यूट ने राज्यों को दी जाने वाली कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 100 रुपये घटा दी है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने अपने कोविड-19 टीके 'कोविशील्ड' की राज्य सरकारों के लिए कीमत 400 रुपये प्रति खुराक तय की थी। अब इसे 300 रुपये प्रति खुराक कर दिया गया है। कंपनी की कीमत नीति को लेकर व्यापक स्तर पर आलोचना के बाद यह कदम उठाया गया है क्योंकि सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से बेच रही है।

भारत दुनिया का तीसरा देश जहां सबसे ज्यादा मौतें

आपको बता दे, देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1 करोड़ 99 लाख 19 हजार 715 हो गया है। भारत ऐसा दूसरा देश होगा जहां दो करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके होंगे। अमेरिका में सबसे ज्यादा 3.38 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। पिछले दो दिनों से नए मरीजों के आंकड़ों में गिरावट दर्ज हो रही है।

रविवार को देश में 3 लाख 69 हजार 942 मरीज सामने आए हैं। 2 लाख 99 हजार 800 लोग ठीक हो गए। शुक्रवार को देश में रिकॉर्ड 4 लाख 2 हजार 14 लोग संक्रमित पाए गए थे, जो शनिवार को घटकर 3 लाख 92 हजार 459 हो गए थे। सबसे ज्यादा मौतों वाले देशों में भारत मैक्सिको को पीछे छोड़कर तीसरे नंबर पर आ गया है। यहां अब तक 2 लाख 18 हजार 945 लोग दम तोड़ चुके हैं। इस मामले में अमेरिका पहले नंबर पर है। यहां 5.92 लाख और ब्राजील में 4.07 लाख मौतें हो चुकी हैं। चौथे नंबर पर पहुंचे मैक्सिको में अब तक 2.17 लाख मौतें दर्ज की गई हैं।