शिरुर। कर्नाटक सरकार ने बुधवार को पुष्टि की कि शिरुर में भूस्खलन के बाद लापता हुए केरल के मूल निवासी अर्जुन की तलाश के दौरान गंगावली नदी में एक ट्रक मिला है। बचाव अभियान अब महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, डूबे हुए ट्रक की पहचान हो गई है और उसे निकालने के प्रयास जारी हैं।
गौरतलब है कि शिरुर और अंकोला के पास कारवार-कुमता रोड (एनएच 66) पर भारी भूस्खलन 16 जुलाई की सुबह हुआ था।
कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, पानी में एक ट्रक का पता लगा लिया गया है और नौसेना के गोताखोर जल्द ही लंगर डालने का प्रयास करेंगे। नदी की खुदाई के लिए लॉन्ग आर्म बूमर एक्सकेवेटर का इस्तेमाल किया जाएगा। खोज के लिए उन्नत ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट अंडरग्राउंड ब्यूरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को भी तैनात किया गया है। तटरक्षक बल पानी में लापता शवों की हेलीकॉप्टर से खोज करेगा।
इस अभियान को नासा, इसरो, नौसेना और एनडीआरएफ से महत्वपूर्ण सहायता मिली है, जिसका श्रेय जिला पुलिस प्रमुख नारायण और उनकी टीम के समन्वित प्रयासों को जाता है। इस सहयोग से अर्जुन के साथ ट्रक के स्थान की पहचान करने में मदद मिली।
उत्तर कन्नड़ के एस.पी. नारायण ने टीएनआईई को बताया, मैंने नासा में एक मित्र को विवरण भेजा, जिसने एक स्थलाकृति चार्ट प्रदान किया। फिर हमने इसे इसरो के साथ साझा किया, जिसने छवियों का विश्लेषण किया और ट्रक के स्थान की पुष्टि की। हालाँकि हमने निकासी के लिए मशीनरी का अनुरोध किया था, लेकिन दो पुल - कोंकण रेलवे ब्रिज और गंगावल्ली ब्रिज - पहुँच में बाधा बन रहे हैं। चूँकि मशीनरी को यहाँ नहीं लाया जा सकता है, इसलिए बूम बैरियर या क्रेन मलबे को हटा देंगे।
एसपी नारायण ने कहा, निर्देशांक के आधार पर हमने भारतीय नौसेना से नदी में स्थान का पता लगाने के लिए हेलिकॉप्टरों का अनुरोध किया है। इसके बाद ग्राउंड टीम क्षेत्र का सीमांकन और सुरक्षा करेगी। एक बार जब हमें सटीक स्थान मिल जाएगा, तो हम शवों की तलाश शुरू कर देंगे।
उपायुक्त लक्ष्मी प्रिया ने राहत व्यक्त करते हुए पुष्टि की कि ट्रक का पता लगा लिया गया है तथा उम्मीद जताई कि दिन के अंत तक अभियान लगभग पूरा हो जाएगा।
जिला प्रशासन ने नोएडा से डीप पेनिट्रेशन रडार की मांग की है, जिसे डीजीसीए के प्रतिबंधों के कारण अब ट्रेन से लाया जा रहा है। यह रडार ट्रक की सही लोकेशन की पुष्टि करने में मदद करेगा, क्योंकि यह नदी में लगभग 40 फीट गहराई में दबा हुआ है। पलक्कड़ से आने वाला एक रडार विशेषज्ञ बचाव दल की सहायता करेगा। कारवार विधायक सतीश सैल और मंजेश्वर विधायक अशरफ ऑपरेशन की निगरानी के लिए मौके पर मौजूद हैं।