शिमला की स्मार्ट पुलिस का अजीबोगरीब सच आया सामने, गाड़ी और स्टाफ ना होने की वजह से नहीं ली चोरी की सुध

हिमाचल प्रदेश राजधानी शिमला की स्मार्ट पुलिस एक मामले में विफल दिखाई दी जहां दिनदहाड़े हुई चोरी की सुध लेने पुलिस इसलिए नहीं पहुंची क्योंकि उनके पास स्टाफ और गाड़ी की कमी थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि दो साल पहले भी उनके घर पर चोरी हो चुकी है। अभी तक पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। अब फिर से चोर खिड़की तोड़कर अंदर घुसे हैं। घटना शहर के चौड़ा मैदान क्षेत्र में मुख्य न्यायाधीश के सरकारी आवास के पास बने एक निजी भवन में हुई जहां दिन दहाड़े तीन चोर घर में घुस गए। खिड़की तोड़ घर में घुसे तीनों बदमाशों की सूचना जब यहां रहने वाले केयरटेकर ने पुलिस को दी तो राजधानी की स्मार्ट पुलिस का जवाब था कि उनके पास न गाड़ी है और न ही स्टाफ। ऐसे में मौके पर नहीं आ सकते।

शिकायतकर्ता अच्छर सिंह ने कहा कि वह पीटरहॉफ के पास बने सनी विला भवन में केयर टेकर हैं। उनकी पत्नी आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मचारी है। मंगलवार को दोनों सुबह ही काम पर निकल गए। घर पर 12 और छह साल की दो बेटियां थीं। दोपहर करीब सवा एक बजे अचानक घर की पिछली खिड़की तोड़कर तीन युवक कमरे में दाखिल हुए। चोरी के इरादे से आए युवकों ने कमरे का सामान बिखेर दिया। इन्हें कुछ नहीं मिला तो टॉप फ्लोर में बने दूसरे कमरे में जाने लगे। कमरे में बैठी बेटियों ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और अपने पिता को सूचना दी। कमरे में किसी के होने का पता चलते ही तीनों युवक तोड़ी गई खिड़की से निकलकर होटल के गेट की ओर भाग गए। उधर पिता ने तुरंत अपनी पत्नी को बताया जिन्होंने एक बजकर 20 मिनट पर पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 पर शिकायत दी।

करीब एक बजकर 34 मिनट पर बालूगंज थाने से फोन आया और घटना के बारे में पूछा। इसके बाद थाना पुलिस ने कहा कि उनके पास न गाड़ी है और न ही स्टाफ। ऐसे में मौके पर नहीं आ सकते। थाना पुलिस का अजीबोगरीब जवाब सुनने के बाद महिला ने फिर दोपहर एक बजकर 51 मिनट पर पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया और थाना पुलिस के इस जवाब की जानकारी दी। इसके बाद करीब ढाई बजे बालूगंज थाना से दो जवान मौके पर पहुंचे और घर का पता पूछकर वापस चले गए।