शिमला। मुस्लिम कल्याण समिति के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को शिमला नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र कुमार अत्री को एक ज्ञापन सौंपा और नगर निगम से संजौली में संरचना के अनधिकृत हिस्से को सील करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार वह स्वयं उस हिस्से को गिरा देंगे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस पैनल में मस्जिद के इमाम और वक्फ बोर्ड एवं मस्जिद प्रबंधन समिति के सदस्य शामिल हैं।
समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने भूपेन्द्र अत्री को सौंपे एक ज्ञापन में यह अनुरोध किया और कहा कि इलाके में रहने वाले मुसलमान हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हैं और यह सद्भाव और भाईचारे को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
कल्याण समिति के सदस्य मुफ्ती मोहम्मद शफी कासमी ने पीटीआई-भाषा से कहा, हमने संजौली स्थित मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने के लिए शिमला नगर आयुक्त से अनुमति मांगी है।
संजौली मस्जिद के इमाम ने कहा, हम पर कोई दबाव नहीं है, हम दशकों से यहां रह रहे हैं और यह फैसला एक हिमाचली के तौर पर लिया गया है। हम शांति से रहना चाहते हैं और भाईचारा कायम रहना चाहिए।
अत्री ने ज्ञापन मिलने की पुष्टि की। देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने मस्जिद में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, तथा उन्होंने इस कदम का स्वागत किया।
समिति के सदस्य विजय शर्मा ने कहा, हम मुस्लिम समुदाय के इस कदम का स्वागत करते हैं और व्यापक हित में यह पहल करने के लिए हम सबसे पहले उनका अभिवादन करेंगे।
यह घटनाक्रम शिमला के संजौली इलाके में एक मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के बुधवार को सुरक्षाकर्मियों से भिड़ने के एक दिन बाद हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और पथराव किया, जबकि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और लाठीचार्ज किया। इस घटना में पुलिस और महिलाओं समेत करीब 10 लोग घायल हो गए।