भगतसिंह के सम्मान में कहे गए 10 दमदार शेर, भर देते है देशभक्ति का भाव

28 सितम्बर को जन्मे भगतसिंह को देश को आजादी दिलाने और कम उम्र में ही शहादत के लिए जाना जाता हैं। 23 साल की छोटी उम्र में ही भगतसिंह फांसी के फंदे पर झूल गए और देश के युवाओं को देशभक्ति का सन्देश दे गए। आज भी उनका नाम आते ही जोश और उमंग का संचार होने लगता हैं। आज हम आपके लिए भगतसिंह के सम्मान में कहे गए कुछ शेर लेकर आए हैं, जो आप में भी देशभक्ति का भाव भर देंगे।

* शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरनेवालों का यही बाकीं निशां होगा

* गाजियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की
तख्ते-लंदन तक चलेगी तेग हिंदोस्तान की

* दरो-दीवार पे हसरत से नजर रखते हैं
रुखसत, ऐ अहले वतन हम तो सफर करते हैं

* अगर अब भी न समझोगे तो मिट जाओगे दुनिया से
तुम्हारी दास्तां तक भी न होगी दास्तानों में

* कौन कहता है मर गए ये लोग
कौम को जिंदा कर गये ये लोग

* ऐ वतन खाके-वतन वो भी तुझे दे देंगे
बच गया है जो लहू अब के फसादात के बाद

* लहू जितना था सारा सर्फे-मक्तल हो गया, लेकिन
शहीदाने-वफा के रुख की ताबानी नहीं आती

* उसको क्या हक है कि वोह खाके-वतन में दफ्न हो
जिसके दिल में अजमते-खाके-वतन कुछ भी नहीं

* ऐ जोश क्या गरज मुझे हूरो-कसूर से
मेरा वतन मेरे लिए जन्नत से कम नहीं

* अगर तेग रखते नहीं जोश हम
कलम हाथ में लो वतन के लिए