आंध्र प्रदेश / फिर कोरोना मरीज के शव को JCB से उठाया, अधिकारी बोले- बहुत भारी थी लाश

देश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार के पार हो गया है। 20 हजार मौत का आंकड़ा छूते ही भारत दुनिया का 8वां देश हो गया जहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। पहले नंबर पर अमेरिका है। जहां 1.32 लाख मामले हुए हैं। जहां देश में एक तरफ कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है वहीं कुछ राज्यों में कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों के साथ बदसलुखी का मामला सामने आ रहा है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में कोविड-19 रोगी के शव को दफनाने के लिए एक बार फिर जेसीबी के इस्तेमाल का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग शव को जेसीबी मशीन से लाते हैं और एक गड्ढे में डाल देते हैं।

कोरोना से होने वाली मौत के बाद शवों के अंतिम संस्कार को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई हैं, जिससे इस खतरनाक वायरस का संक्रमण और न फैले। हालांकि आए दिन अलग-अलग राज्यों से शवों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आता रहता है। आंध्र प्रदेश में लगातार तीसरी बार ऐसी घटना सामने आई है जिसमें कोरोना मरीज के शव को जेसीबी से उठाकर दफनाया गया है।

अधिकारियों ने दिया ये तर्क

हालांकि पिछले मामलों से अलग अधिकारियों ने इस बार तर्क दिया है कि शव का वजन करीब 170 किलोग्राम था, जिससे शव का इलेक्ट्रिक दाह संस्कार नहीं किया जा सकता था। अधिकारियों के मुताबिक, परिवार से इजाजत लेने के बाद ही उन्हें दफनाने की प्रक्रिया की गई।

इससे पहले उदयापुरम इलाके में 72 साल के एक बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई थी। इसके बाद PPE किट पहने मुनसिपैलिटी के स्टाफ ने उनकी बॉडी को प्लास्टिक में लपेट कर जेसीबी मशीन में डाल दिया। इसे मशीन के आगे की तरफ रखा गया। वो हिस्सा जिससे मिट्टी की खुदाई की जाती है। इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचाया गया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य सरकार की काफी निंदा की गई और इस मामले में दोषी अधिकारियों को निलंबित ​कर दिया गया था।

शव से कोरोना संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं : ICMR

आपको बता दे, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने खुलासा किया है कि कोरोना से मरने वाले लोगों से संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं है। आइसीएमआर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन के निदेशक और देश के जाने-माने वायरोलॉजिस्ट डॉ देब प्रसाद चट्टोपाध्याय की मानें तो शव से संक्रमण फैलने की कोई संभावना नहीं है। वह कहते हैं कि मौत के 4 से 6 घंटे में शरीर की कोशिकाएं मृत हो जाती हैं। कोरोना का संक्रमण छींकने व खांसने पर वायरस के ट्रांसमिट होने से होता है। यही वजह है कि शव से संक्रमण फैलने की कोई गुंजाइश नहीं है। वह कहते हैं कि यदि एहतियात के साथ शव को रखा और हैंडल किया जाए तो अंतिम संस्कार धर्मानुसार विधि-विधान से किया जा सकता है।