शहबाज शरीफ ने PM मोदी की नकल करते हुए पसरूर छावनी का किया दौरा, भारत के खिलाफ उगला जहर

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब PM नरेंद्र मोदी की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने अपने डिप्टी इशाक डार, विदेश मंत्री आसिफ ख्वाजा, रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ सियालकोट स्थित पसरूर छावनी का दौरा किया, जहां उन्होंने भारत के साथ हालिया संघर्ष में शामिल सैन्य अधिकारियों और सैनिकों से मुलाकात की।

पसरूर छावनी, जो लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर स्थित है, उस जगह का हिस्सा है, जहां 26 लोगों की हत्या करने वाले आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। यह ऑपरेशन 6 और 7 मई की रात को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर हमला करते हुए किया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे।

इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सक्कर और चुनियन सहित कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए थे। इसके अलावा, पसरूर और सियालकोट स्थित एयर बेस पर स्थित रडार केंद्रों पर भी भारतीय सेना ने सटीक हमले किए थे, जिससे पाकिस्तान के एयरबेस को भारी नुकसान हुआ।

आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज ने सैन्य संघर्ष के दौरान ऑपरेशन में शामिल सैन्य अधिकारियों और कर्मियों से मुलाकात की। आगामी दिनों में शहबाज शरीफ पाकिस्तान की वायुसेना और नौसेना के अधिकारियों से मिलने के लिए वायुसेना और नौसेना के ठिकानों का दौरा करने वाले हैं।

दिलचस्प बात यह है कि शहबाज शरीफ का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदमपुर एयरबेस दौरे के एक दिन बाद हुआ है, लेकिन वह पीएम मोदी जैसे देश और दुनिया को एक साथ प्रभावी संदेश देने में नाकाम रहे। पीएम मोदी ने मंगलवार को आदमपुर एयरबेस से पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि उसकी कोई भी कोशिश भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगी और जो भी पाकिस्तान ने गलत किया, उसका परिणाम तबाही होगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अपने सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए मोदी ने अभियान में पाकिस्तान को बुरी तरह परास्त करने के लिए सेना की सराहना की, जिसमें 9 आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए, 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान के आठ सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा।